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हरित ऊर्जा के व्यापक इस्तेमाल से पर्यावरण प्रदूषण पर लगाम लगाने में कामयाब हुआ चीन

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बीजिंग, 19 अप्रैल . चीन एक बड़ी आबादी वाला देश है, ऐसे में चीन में ऊर्जा की खपत बहुत ज्यादा होती है. लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना आसान नहीं है. हालांकि, पहले इसके लिए विभिन्न तरह के ऊर्जा संसाधनों का उपयोग होता रहा है, जिसमें जीवाश्म ईंधन वाली ऊर्जा का इस्तेमाल भी शामिल था, लेकिन हाल के वर्षों में चीन ने इसे पूरी तरह बदल दिया है.

अब चीन का ध्यान अधिक से अधिक हरित ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने पर है. इलेक्ट्रिक वाहन हों या फिर स्वच्छ ऊर्जा से संचालित होने वाले कारखाने, चीन आगे बढ़कर दुनिया को राह दिखा रहा है.

हाल के कई दशकों में चीन ने तेजी से विकास किया है. चीन के विकास से दुनिया के कई देशों को लाभ पहुंचा है. लेकिन वैश्विक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की समस्या चिंताजनक है.

इसके मद्देनजर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में कम कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण संरक्षण पर काफी ध्यान दिया जा रहा है. चीन अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी इस मुद्दे को उठाता रहा है. चीन ने अपने देश में हरित ऊर्जा संबंधी संसाधनों और उत्पादों को व्यापक रूप से प्रोत्साहन दिया है.

इसके साथ ही, चीन सरकार की ओर से हरित ऊर्जा के खपत को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए देश में एक कुशल प्रणाली स्थापित करने के लिए एक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

बताया जाता है कि इसका लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र और हरित बिजली प्रमाणपत्र (जीईसी) बाजार को विकसित करना है. जीईसी को हरित ऊर्जा संबंधी बिजली उत्पादन और उपभोग करने के लिए आवश्यक मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र माना जाता है. इसके तहत योग्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को यह जारी किया जाता है, जिसमें प्रत्येक प्रमाणपत्र 1 हजार किलोवाट-घंटे नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का प्रतिनिधित्व करता है.

बताया जाता है कि चीन हरित ऊर्जा और बाजार के भविष्य के बारे में काफी आशावान है. इसके चलते चीन में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को अधिक से अधिक बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है.

इतना ही नहीं, चीन साल 2027 तक हरित बिजली प्रमाणपत्र बाजार के लिए अच्छी और सुव्यवस्थित प्रणाली स्थापित करना चाहता है. साथ ही, वर्ष 2030 जीईसी बाजार प्रणाली में और अधिक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है. जाहिर है कि इससे देश में हरित बिजली की मांग में बहुत बढ़ोतरी होगी. इसके लिए उक्त प्रमाणपत्र व्यवस्था के सही ढंग से संचालित होने की आवश्यकता पर बल दिया गया है.

जैसा कि हम जानते हैं कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार बाजार है, जिसका लगातार विस्तार हो रहा है, क्योंकि, चीन सरकार ने उचित तरीके से इस सेक्टर को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

इसी कारण यह पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में अहम भूमिका निभा रहा है. इस दौरान चीन में नवीन ऊर्जा वाहनों के लिए कई चार्जिंग स्टेशन तैयार हो रहे हैं. देश में कुल 1 करोड़ 2 लाख 44 हजार स्टेशन बन चुके हैं. इनमें सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 31 लाख 22 हजार है. जबकि, निजी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 71 लाख 22 हजार हो गई है.

आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों से 2 करोड़ 40 लाख नवीन ऊर्जा वाहनों की चार्जिंग की मांग पूरी हुई.

इससे पता चलता है कि चीन में हरित ऊर्जा की मांग और खपत में इजाफा हो रहा है. चीनी कार बाजार इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जो पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रहा है. उम्मीद है कि चीन जिस तरह ग्रीन एनर्जी पर ध्यान दे रहा है, उससे अन्य देश भी सीख लेंगे.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एबीएम/

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