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उत्तर हावड़ा में हनुमान जयंती पर विधायक का दिखा अनूठा अंदाज, हाथ में गदा ले बढ़े आगे

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हावड़ा, 12 अप्रैल . हनुमान जयंती के पावन अवसर पर उत्तर हावड़ा में भक्ति और उल्लास के साथ एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. इस शोभायात्रा में स्थानीय लोगों के साथ-साथ उत्तर हावड़ा तृणमूल कांग्रेस के विधायक गौतम चौधरी भी शामिल हुए.

विधायक गौतम ने हनुमान जी की तरह हाथ में गदा ले रखी थी और उछलते-कूदते, हनुमान चालीसा का पाठ करते आगे बढ़े.

नवयुवक संघ द्वारा आयोजित इस शोभायात्रा की शुरुआत हरदत राय चमरिया रोड से हुई, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए हारोगंज बाजार स्थित हनुमान मंदिर तक पहुंची. शोभायात्रा में भगवान हनुमान की विशाल मूर्ति को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र रही.

भक्तों के हाथों में पीतल और प्लास्टिक की गदाएं दिखीं, जो हनुमान जी की शक्ति और भक्ति का प्रतीक थीं. गाजे-बाजे और भक्ति भजनों की स्वर लहरियों के बीच शोभायात्रा अपने गंतव्य की ओर बढ़ी.

शोभायात्रा में शामिल भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था. हर कोई हनुमान जयंती के इस उत्सव में डूबा हुआ था. ढोल-नगाड़ों की थाप और भक्ति भजनों ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया. विधायक गौतम चौधरी ने शोभायात्रा के दौरान न केवल हनुमान चालीसा का पाठ किया, बल्कि भक्तों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए उत्साह बढ़ाया.

उन्होंने कहा, “प्रभु श्री राम हो या हनुमान जी, ये सभी के हैं. हनुमान जयंती का यह पर्व हमें भक्ति, शक्ति और समर्पण का संदेश देता है. इस शोभायात्रा में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है.”

स्थानीय लोगों ने भी इस आयोजन की जमकर सराहना की. एक भक्त, रमेश शर्मा ने कहा, “हर साल हनुमान जयंती पर शोभायात्रा का आयोजन होता है, लेकिन इस बार विधायक जी का उत्साह और भक्ति देखकर हम सभी का मन प्रफुल्लित हो गया.”

शोभायात्रा में महिलाएं, बच्चे और युवा सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस प्रशासन ने भी पुख्ता इंतजाम किए थे, जिससे आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हुआ.

हनुमान मंदिर पहुंचने पर भक्तों ने हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंदिर परिसर में भक्ति भजनों का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ, जिसमें भक्तों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.

यह शोभायात्रा न केवल हनुमान जयंती के उत्सव का हिस्सा थी, बल्कि सामुदायिक एकता और भक्ति के भाव को भी दर्शाती थी. उत्तर हावड़ा के इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भक्ति और उत्साह के साथ मनाए जाने वाले पर्व समाज को जोड़ने का काम करते हैं.

एकेएस/एएस

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