लखनऊ, 6 मई . उत्तर प्रदेश सरकार की बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी) योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 50,192 महिलाओं को बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. इनमें से 39,561 बीसी सखी सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और अब तक 31,626 करोड़ रुपये का लेनदेन कर चुकी हैं. इससे उन्हें 85.81 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है.
बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी) योजना की शुरुआत 22 मई 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. सीएम योगी की अगुवाई में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीणों को घर के पास ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है.
योजना में न्यूनतम 10वीं पास, कंप्यूटर साक्षर और पात्र महिलाओं को चयनित कर प्रशिक्षण दिया गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक और यूपीकॉन की साझेदारी से यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है.
बीसी सखी योजना ने गांवों में बैंक की दूरी और खर्च को कम कर दिया है, साथ ही महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार भी मिला है. यह योजना आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है.
प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ सबसे अधिक बैंक ग्राहकों को मिल रहा है. सरकार की ओर से बैंकिंग सेवाओं को बड़ी सौगात खासकर गांव के लोगों को दी जा रही है. ग्रामीण पहले बैंक से पैसा निकालने और जमा करने में आने-जाने में जो खर्चा करते थे, उसकी भी बचत हो रही है. प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अभी तक 50,192 बीसी सखी के आरएसईटीआई के माध्यम से आईआईबीएफ द्वारा प्रमाणीकरण पूर्ण कर लिया गया है. प्रदेश सरकार की इस नीति से ग्रामीण स्तर पर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं.
–
एसके/
The post first appeared on .
You may also like
पानी रोकना मानवता के ख़िलाफ़ अपराध है, सिंधु नदी हमारी रगों में बहती है: बिलावल भुट्टो
बिना नौकरी के हर महीने आएगा पैसा – जानिए आर्थिक आजादी और सुकून पाने का आसान तरीका
WATCH:ABD ने कोहली को बताया RCB का 'मिस्टर सेफ्टी', सहवाग‑गावस्कर ने उठाए थे कोहली के स्ट्राइक रेट पर सवाल
गर्मी और घरेलू हिंसा: क्या बढ़ता तापमान बन रहा है एक गंभीर संकट?
येलो कलर की ड्रेस में पलक तिवारी का अनोखा अंदाज, मासूमियत चुरा लेगी दिल