Next Story
Newszop

भारतीय नौसेना में कमीशन होंगे उदयगिरि और हिमगिरि, राजनाथ बोले- मुझे बेसब्री से इंतजार

Send Push

New Delhi, 25 अगस्त . रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक प्रोजेक्ट 17ए मल्टी-मिशन स्टील्थ फ्रिगेट उदयगिरि और हिमगिरि को Tuesday को कमीशन किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर कर उदयगिरि और हिमगिरि के नौसेना में शामिल किए जाने के बारे में जानकारी दी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Monday को social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “26 अगस्त को मैं विशाखापट्टनम में नवीनतम अत्याधुनिक प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट उदयगिरी और हिमगिरी के कमीशनिंग समारोह में शामिल होऊंगा.”

उन्होंने आगे कहा, “यह पहला मौका होगा जब दो अलग-अलग शिपयार्ड में बने दो प्रमुख युद्धपोतों को एक साथ कमीशन किया जाएगा, जो भारत के पूर्वी समुद्री तट के बढ़ते महत्व को दर्शाता है. मैं इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं.”

विशाखापत्तनम स्थित नौसेना बेस पर अत्याधुनिक प्रोजेक्ट 17ए मल्टी-मिशन स्टील्थ फ्रिगेट उदयगिरि और हिमगिरि को भारतीय नौसेना में कमीशन किया जाएगा. उदयगिरि और हिमगिरि प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक) श्रेणी के फ्रिगेट के अनुवर्ती जहाज हैं. दोनों जहाजों में डिजाइन, स्टील्थ, हथियार और सेंसर प्रणालियों में महत्वपूर्ण सुधार शामिल हैं. ये ब्लू वाटर परिस्थितियों में समुद्री अभियानों की पूरी श्रृंखला को अंजाम देने में सक्षम हैं.

Mumbai स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित उदयगिरि और कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) द्वारा निर्मित हिमगिरि देश की बढ़ती जहाज निर्माण क्षमता के साथ-साथ भारत के प्रमुख रक्षा शिपयार्डों के बीच तालमेल को भी दर्शाते हैं. उदयगिरि को अपनी श्रेणी का सबसे तेज जहाज होने का गौरव भी प्राप्त है. यह भारतीय शिपयार्डों द्वारा अपनाई गई मॉड्यूलर निर्माण पद्धति का परिणाम है.

दोनों फ्रिगेट भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा आंतरिक रूप से डिजाइन किए गए हैं और विशेष रूप से, उदयगिरि युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन 100वां जहाज है, जो स्वदेशी युद्धपोत डिजाइन के पांच दशकों में एक महत्‍वपूर्ण उपलब्धि है.

इन जहाजों में आधुनिक संयुक्त डीजल या गैस प्रणोदन संयंत्र, अत्याधुनिक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली और भारतीय निर्माताओं द्वारा विकसित उन्नत हथियारों और सेंसरों का एक समूह है. लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री वाले ये जहाज, सैकड़ों स्वदेशी सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम द्वारा समर्थित, रक्षा निर्माण में सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं.

उदयगिरि और हिमगिरि के नौसेना में शामिल होने से नौसेना की युद्धक तत्परता बढ़ेगी और युद्धपोत डिजाइन एवं निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के देश के संकल्प की पुष्टि होगी. नौसेना में शामिल होने के बाद, ये दोनों युद्धपोत पूर्वी बेड़े में शामिल हो जाएंगे, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में अपने समुद्री हितों की रक्षा करने की देश की क्षमता और मजबूत होगी.

बता दें कि नौसेना की परंपरा को ध्यान में रखते हुए दोनों फ्रिगेटों का नाम पूर्ववर्ती आईएनएस उदयगिरि (एफ35) और आईएनएस हिमगिरि (एफ34) के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने रिटायर होने से पहले 30 वर्षों से अधिक समय तक राष्ट्र की विशिष्ट सेवा की थी.

एफएम/

Loving Newspoint? Download the app now