बीजिंग, 13 अप्रैल . चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की राजकीय यात्रा शुरू करेंगे. इसकी पूर्व संध्या पर, चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के अधीनस्थ चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क (सीजीटीएन) ने 11 अप्रैल को मलेशिया के चीनी शिक्षा संघ और टुंकू अब्दुल रहमान विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त रूप से कुआलालंपुर में “विचारों की शक्ति-चीन और आसियान” विषय पर विशेष संवाद आयोजित किया.
संवाद में उपस्थित अतिथियों को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण-पूर्व एशिया यात्रा से काफी उम्मीदें थीं. उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि इस यात्रा से चीन और आसियान देशों के बीच आर्थिक तथा व्यापारिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, हरित प्रौद्योगिकी और रेलवे बुनियादी ढांचे में चीन और आसियान के बीच सहयोग को और आगे बढ़ाया जाएगा, और “ग्लोबल साउथ” देशों को और अधिक निकटता से एकजुट होने में भी मदद मिलेगी.
अपने वीडियो भाषण में मलेशियाई परिवहन मंत्री एंथनी लोक सियु फूक ने कहा कि चीन और आसियान भौगोलिक दृष्टि से निकटवर्ती हैं तथा प्राचीन काल से ही उनके बीच घनिष्ठ आदान-प्रदान होता रहा है. दोनों पक्षों ने व्यापार और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग को निरंतर गहरा किया है. विशेष रूप से, “बेल्ट एंड रोड” पहल ने दोनों पक्षों के लिए बुनियादी ढांचे की कनेक्टिविटी और आर्थिक व व्यापारिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में एक व्यापक मंच और स्थान प्रदान किया है, जिससे दोनों देशों के लोगों को ठोस लाभ मिला है.
उन्होंने बल देते हुए कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दक्षिण-पूर्व एशिया की आगामी यात्रा न केवल चीन-मलेशिया संबंधों के भविष्य से संबंधित है, बल्कि इसका आसियान और विश्व पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद है कि चीन अपने खुलेपन को जारी रखेगा, बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली पर कायम रहेगा और एक भरोसेमंद वैश्विक साझेदार के रूप में काम करना जारी रखेगा.
वहीं, एशिया-प्रशांत “बेल्ट एंड रोड” रणनीति समिति के अध्यक्ष और मलेशिया के पूर्व परिवहन मंत्री ओंग टी कीट का मानना है कि चीन-आसियान संबंध बहुपक्षीय सहयोग और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण का एक सफल उदाहरण है, और यह चीन की पड़ोसी कूटनीति की एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी है. वर्तमान में, आसियान सतत विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा प्रस्तावित “वैश्विक विकास पहल” ने दोनों पक्षों के बीच सतत विकास सहयोग के लिए नए अवसर खोले हैं.
ओंग टी कीट ने यह भी कहा कि आसियान देशों को गरीबी, जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा जैसी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि चीन को प्रौद्योगिकी, पूंजी और प्रतिभा जैसे पहलुओं में महत्वपूर्ण बढ़त हासिल है. दोनों पक्ष गैर-पारंपरिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा कर सकते हैं. उनका मानना है कि भविष्य में “साझा भविष्य वाले चीन-आसियान समुदाय” के निर्माण में और अधिक सक्रिय होना चाहिए, दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास को बढ़ाना चाहिए और जटिल भू-राजनीतिक वातावरण में दीर्घकालिक और व्यापक सहयोग हासिल करना चाहिए.
इस संवाद में विभिन्न देशों के 120 से अधिक छात्रों ने भी भाग लिया. चूंकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग का दक्षिण-पूर्व एशियाई दौरा शुरू होने वाला है, इसलिए यह संवाद युवा विद्यार्थियों को चीन के बारे में गहरी समझ हासिल करने का एक बहुमूल्य अवसर प्रदान करता है.
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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