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अमिताभ कांत ने विश्व में अग्रणी वीजा को पीछे छोड़ने के लिए यूपीआई की सराहना की

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New Delhi, 14 जुलाई . नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने यूपीआई की सराहना करते हुए कहा कि प्रतिदिन 65 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन के साथ यह वीजा को शीर्ष स्थान से हटाते हुए दुनिया का लीडिंग रियल टाइम पेमेंट सिस्टम बन गया है.

कांत ने कहा, “यूपीआई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है. इसने नागरिकों के जीवन को बदल दिया है.”

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यूपीआई वीजा को पीछे छोड़कर दुनिया का लीडिंग रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम बन गई है, जो प्रतिदिन 65 करोड़ से अधिक ट्रांजैक्शन दर्ज करता है. केवल 9 वर्षों में यह उपलब्धि इसके बेजोड़ पैमाने और गति को दर्शाती है. भारत से लेकर दुनिया तक, यूपीआई डिजिटल पेमेंट क्रांति का नेतृत्व कर रहा है.”

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में अपना प्रभुत्व मजबूत किया है. कुल लेनदेन में इसकी हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष के 79.7 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 में 83.7 प्रतिशत हो गई है.

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट दर्शाती है कि यूपीआई ने 2024-25 के दौरान 185.8 बिलियन लेनदेन की सुविधा प्रदान की, जो सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. मूल्य के संदर्भ में, यूपीआई लेनदेन वित्त वर्ष 2024 के 200 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गया.

आरबीआई ने कहा, “यूपीआई की सफलता ने भारत को ग्लोबल रियल-टाइम पेमेंट में 48.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ अग्रणी स्थान पर ला खड़ा किया है.”

पेमेंट सिस्टम, कार्ड नेटवर्क और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) के माध्यम से लेनदेन सहित देश में कुल डिजिटल पेमेंट, वित्त वर्ष 2025 में 35 प्रतिशत बढ़कर 221.9 बिलियन हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 164.4 बिलियन लेनदेन था. मूल्य के संदर्भ में, कुल डिजिटल भुगतान 17.97 प्रतिशत बढ़कर 2,862 लाख करोड़ रुपए हो गया.

क्रेडिट कार्ड लेनदेन वित्त वर्ष 2024 के 3.5 अरब से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 4.7 अरब हो गए, जबकि डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में 29.5 प्रतिशत की तीव्र गिरावट आई और यह घटकर 1.6 अरब रह गया. गैर-नकद खुदरा भुगतानों की कुल मात्रा में डिजिटल लेनदेन की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2025 में 99.9 प्रतिशत रही, जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह 99.8 प्रतिशत थी.

आरबीआई ने यह भी कहा कि वह 2028-29 तक यूपीआई को 20 देशों तक विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

क्यूआर कोड के माध्यम से भारतीय यूपीआई ऐप्स की स्वीकृति भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात में पहले ही शुरू हो चुकी है, जिससे भारतीय पर्यटक, छात्र और व्यावसायिक यात्री अपने घरेलू यूपीआई ऐप्स का इस्तेमाल कर व्यापारियों को भुगतान कर सकते हैं.

एसकेटी/

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