मालदा, 6 अप्रैल . पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद में रामनवमी के अवसर पर आयोजित धार्मिक जुलूस को लेकर सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है. भाजपा और विश्व हिंदू परिषद द्वारा मालदा में आयोजित इस भव्य जुलूस में लगभग एक लाख लोग शामिल हुए. यह जुलूस रामकृष्णा पल्लि से शुरू होकर 420 मोड़ होते हुए शहर की प्रमुख सड़कों से गुजरा.
इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग मालदा शहर और जिले के विभिन्न इलाकों से आए थे. इस जुलूस में आम लोग, भाजपा कार्यकर्ता और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे. जिले के भाजपा नेताओं का कहना है कि इस धार्मिक जुलूस में लगभग एक लाख लोग उपस्थित हुए, जो इस आयोजन की भव्यता और लोकप्रियता को दर्शाता है.
भाजपा विधायक रूपा मित्रा चौधरी ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि यह भाजपा की बड़ी जीत है कि आज तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी इस धार्मिक आयोजन में शामिल हुए हैं. यह हमारी एकता और सामूहिक शक्ति का प्रतीक है. जुलूस में तृणमूल कार्यकर्ताओं की भी मौजूदगी इस बात को साबित करती है कि धार्मिक आयोजन में राजनीति से ऊपर उठकर लोग एकजुट हो सकते हैं.
हालांकि, उन्होंने इस दौरान एक गंभीर आशंका भी जताई. भाजपा विधायक ने कहा कि मालदा और मुर्शिदाबाद में इस प्रकार के बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान आतंकवादी हमले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. हम सभी को इस जुलूस में शांति बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कभी-कभी इस तरह के बड़े आयोजनों को आतंकवादी घटनाओं का शिकार बनाया जा सकता है.
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में रामनवमी समारोहों के दौरान संभावित तनाव की खुफिया चेतावनी के मद्देनजर, राज्य और कोलकाता पुलिस ने रविवार को हर जुलूस पर व्यापक निगरानी रखने का फैसला किया था. निगरानी को मजबूत करने के लिए, राज्य में जुलूस के प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं.
इसके अलावा, सुरक्षा के लिए तैनात पुलिसकर्मियों को घटनाओं का पारदर्शी दस्तावेजीकरण सुनिश्चित करने के लिए बॉडी कैमरा से लैस किया गया है. कोलकाता में ड्रोन निगरानी जमीनी स्तर की निगरानी का पूरक है. मार्गों पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षात्मक गियर पहनने की सलाह दी गई है. पूरे बंगाल में पुलिस ने 10 विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की है. संबंधित पुलिस आयुक्तालय के जिला पुलिस अधीक्षकों और आयुक्तों को इन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
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पीएसके/एकेजे
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