नई दिल्ली, 10 नवंबर . भारतीय शेयर बाजार का आउटलुक अगले हफ्ते आने वाले घरेलू महंगाई एवं इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन के आंकड़े, अमेरिका और चीन के आर्थिक डेटा एवं एफआईआई की गतिविधियों पर निर्भर करेगा.
बीते हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली. निफ्टी 0.64 प्रतिशत या 156 अंक गिरकर 24,248 और सेंसेक्स 0.30 प्रतिशत या 237 अंक गिरकर 79,486 पर बंद हुआ.
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की वजह दूसरी तिमाही के नतीजों का कमजोर आना, डॉलर का मजबूत होना और एफआईआई द्वारा बाजार में लगातार बिकवाली करने को माना जा रहा है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बाद निफ्टी आईटी इंडेक्स 4 प्रतिशत की तेजी आई है और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 4 प्रतिशत फिसल गया है.
4 नवंबर से लेकर 8 नवंबर तक के कारोबारी सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा 19,638.24 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई है और इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 14,391 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे गए हैं.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च प्रमुख, संतोष मीना का कहना है कि आने वाले समय में यूएस बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स का प्रदर्शन काफी महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि अमेरिकी चुनावों के नतीजों के साथ ही दोनों में तेजी देखने को मिली है. साथ ही निवेशकों की निगाहें आने वाले हफ्ते में एफआईआई की गतिविधियों पर भी रहेंगी.
मीना ने आगे कहा कि निफ्टी 20 दिन के मूविंग एवरेज 24,500 को पार करने में कठिनाई का सामना कर रहा है. अगर यह इस स्तर को पार कर टिकता है तो एक शॉर्ट कवरिंग देखने को मिल सकती है. इसमें ऊपर स्तरों पर रुकावट 24,700 और 25,000 के आसपास है. निचले स्तर पर सपोर्ट 24,075, 23,800 और 23,500 के करीब है.
पलका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा कि बैंक निफ्टी 50,500 -52600 की रेंज में है. इस दो हजार अंक की रेंज में खरीदारी का स्तर 50,500 और बिकवाली का स्तर 52,500 के आसपास है. बाजार को स्थिति के मुताबिक इसके फिसलने की उम्मीद है. गिरावट पर बैंक निफ्टी का सपोर्ट 51,800 और 51,300 के आसपास है. अगर यह इन लेवल को होल्ड नहीं कर पाता है तो 50,800 के स्तर देखने को मिल सकते हैं.
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एबीएस/
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