Patna, 7 अक्टूबर . बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. इसी बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग की भूमिका और मौजूदा Political माहौल पर तल्ख टिप्पणी की.
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चुनाव की तिथि की घोषणा तो महज एक औपचारिकता है. असली सवाल यह है कि क्या चुनाव आयोग अपनी निष्पक्ष ‘रेफरी’ की भूमिका निभा रहा है या नहीं.
मनोज झा ने कहा कि हमने कई बार चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह निष्पक्ष रहे, लेकिन अफसोस है कि आयोग अपनी रेफरी की भूमिका को भूल चुका है. हम आयोग से एक बार फिर कहना चाहते हैं कि जो भी नफरत फैलाने वाला या भड़काऊ बयान देने वाला व्यक्ति हो, चाहे वह किसी भी पद पर हो, उस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पर जूता फेंकने की हालिया घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए मनोज झा ने कहा, “यह सिर्फ मुख्य न्यायाधीश पर जूता नहीं उछाला गया है. यह संविधान पर जूता उछालने जैसा कृत्य है. गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या और मुख्य न्यायाधीश पर जूता उछालने की घटना के पीछे एक ही मानसिकता है.”
मनोज झा ने आगे कहा कि यह देश की लोकतांत्रिक भावना पर हमला है और ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
बिहार चुनाव को लेकर सवाल किए जाने पर मनोज झा ने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की Government बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार अब बदलाव की दहलीज पर खड़ा है. अगले एक महीने में तस्वीर साफ हो जाएगी. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में नई Government बनना तय है.
वहीं, सीट शेयरिंग को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीटों का बंटवारा भी दो-तीन दिनों में अंतिम रूप ले लिया जाएगा. तब शायद आपको यह सवाल पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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पीएसके
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