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महिला सरकारी कर्मचारियों से लाडकी बहीण योजना की राशि वसूलने पर अनिल देशमुख ने उठाए सवाल

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मुंबई , 2 जून . महाराष्ट्र सरकार की ओर से महिला सरकारी कर्मचारियों से लाडकी बहीण योजना की राशि वसूलने के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और एनसीपी (शरद गुट) के नेता अनिल देशमुख ने सवाल उठाए हैं.

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले लाडकी बहीण योजना शुरू करने का फैसला किया था. अगर सरकार ने उस समय साफ तौर पर कहा होता कि इस योजना का लाभ महिला सरकारी कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा तो हमारी बहनों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता. चुनाव के बाद ही जांच की गई, अगर जांच करनी थी तो पहले करनी चाहिए थी. इस तरह ऐसी समस्याएं पैदा नहीं होतीं.

अनिल देशमुख ने स्पष्ट किया कि अजीत पवार और शरद पवार का एक मंच पर आना राजनीतिक गठबंधन का संकेत नहीं है. यह साखर संघ और बारामती की शिक्षण संस्था जैसी गैर-राजनीतिक बैठकों का हिस्सा है, जहां दोनों नेता सदस्य के रूप में शामिल होते हैं. ऐसी बैठकों में अन्य नेता जैसे जयंत पाटील भी मौजूद रहते हैं. इस तरह की मुलाकातों का कोई राजनीतिक महत्व नहीं है और हमारी पार्टी में अजीत पवार की पार्टी के साथ गठबंधन की कोई चर्चा नहीं हुई है.

अनिल देशमुख ने महायुति सरकार पर नासिक और रायगढ़ जिलों में पालक मंत्री की नियुक्ति में देरी के लिए निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार के गठन को छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन इन जिलों में पालक मंत्री नियुक्त नहीं किए गए हैं, जो प्रशासनिक कार्यों को प्रभावित कर रहा है. खासकर नासिक, जो कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन का केंद्र है और औद्योगिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, वहां पालक मंत्री का न होना गलत संदेश जाता है. वहीं रायगढ़ जिले में पालक मंत्री का चयन नहीं किया गया. हम भी कई सालों से राजनीति में है और हमने कभी ऐसा नहीं देखा कि सरकार के बनने के बाद पालक मंत्री नियुक्ति में इतनी देरी हो.

एकेएस/जीकेटी

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