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'पीएमजेजेबीवाई' सफल, नामांकन में 2016 से अब तक 699 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज: केंद्र

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नई दिल्ली, 9 मई . प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के तहत कुल नामांकन में 2016 से 699 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इस योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई.

पीएमजेजेबीवाई के तहत कुल नामांकन में इस वृद्धि को सरकार ने अविश्वसनीय वृद्धि बताते हुए कहा कि इस योजना ने सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय समावेशन प्रदान कर लाखों लोगों के जीवन को सुरक्षित बनाया है.

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पीएमजेजेबीवाई में कुल नामांकन मार्च 2016 में 2.96 करोड़ से 699 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल 2025 तक 23.64 करोड़ हो गया है, जिससे जनसुरक्षा के तहत लाखों लोगों का जीवन सुरक्षित हुआ है.”

9 मई, 2015 को शुरू की गई पीएमजेजेबीवाई ने इस कड़वी सच्चाई को उजागर किया कि भारत की केवल 20 प्रतिशत आबादी के पास ही किसी प्रकार का बीमा कवरेज है.

इस योजना के तहत जीवन बीमा को न केवल किफायती बनाने के लिए बल्कि उच्च प्रीमियम, कागजी कार्रवाई या चिकित्सा जांच जैसी पारंपरिक बाधाओं को दूर कर सुलभ बनाने के लिए डिजाइन किया गया है.

पीएमजेजेबीवाई योजना के तहत किसी भी कारण से मृत्यु होने पर, चाहे यह प्राकृतिक हो या दुर्घटनावश, 2 लाख रुपए का जीवन बीमा कवर दिया जाता है. इसके लिए सालाना प्रीमियम केवल 436 रुपए है.

यह पॉलिसी 18 से 50 वर्ष की आयु के उन व्यक्तियों के लिए है जिनके पास बचत बैंक या डाकघर खाता है और कवरेज 55 वर्ष की आयु तक जारी रहता है.

पंजीकरण के लिए लाभार्थी को किसी मेडिकल जांच की जरूरत नहीं है. कोई भी व्यक्ति बैंक, डाकघर या ऑनलाइन भी जुड़ सकता है.

पीएमजेजेबीवाई में 19 मार्च तक 23.36 करोड़ व्यक्तियों का नामांकन हो चुका है. एक दशक के दौरान इस योजना ने 9,37,524 दावों का निपटान किया, जिनमें से 9,05,139 दावों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया और कुल 18,102.78 करोड़ रुपए जारी किए गए.

प्रभाव का पैमाना उल्लेखनीय है और यह योजना की व्यापक पहुंच और परिचालन दक्षता को दर्शाती है. कुल लाभार्थियों में से 53 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और 72 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण भारत से हैं.

एसकेटी/केआर

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