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संजय निरुपम ने संजय राउत को बताया 'झूठ का सम्राट'

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मुंबई, 13 अप्रैल . शिवसेना नेता संजय निरुपम ने रविवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि राउत का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के बीच मतभेद होने की बात कहना पूरी तरह बेबुनियाद हैं.

निरुपम ने राउत को ‘झूठ का सम्राट’ करार देते हुए कहा कि उनकी दावे बिहार चुनाव जैसे मुद्दों पर भी गलत साबित हुए हैं. उन्होंने राउत के ‘सामना’ पर तंज कसते हुए कहा कि वे बिना तथ्यों के झूठी खबरें छापते हैं. निरुपम ने महाराष्ट्र की जनता से अपील की कि वे राउत के झूठ से सावधान रहें.

निरुपम ने कहा कि शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी की गठबंधन सरकार में तीनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच शानदार तालमेल है. अगर कभी कोई मतभेद होता भी है, तो उसे आपसी बातचीत से सुलझा लिया जाता है. उन्होंने राउत पर तंज कसते हुए कहा कि केवल संजय राउत जैसे लोग ही चर्चा को खून-खराबे से जोड़ सकते हैं.

निरुपम ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हाल के महाराष्ट्र दौरे पर राउत के दावों को भी खारिज किया. राउत ने दावा किया था कि शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में गलत बयान दिया. निरुपम ने कहा कि शाह ने शिवाजी महाराज के बचपन के बारे में बात की थी और उनका बयान सम्मानजनक था.

उन्होंने राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कांग्रेस और औरंगजेब के समर्थकों के साथ गठबंधन कर रहे हैं, उन्हें शिवाजी महाराज के प्रति शाह के सम्मान पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं है.

निरुपम ने कहा कि शिवाजी महाराज शिवसेना के लिए आराध्य देव हैं और महाराष्ट्र के लोग औरंगजेब की कब्र को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने राउत से मांग की कि अगर उन्हें औरंगजेब की कब्र से ऐतराज है, तो खुलकर इसका विरोध करें और बीजेपी-शिवसेना के रुख का समर्थन करें.

पश्चिम बंगाल की स्थिति पर बोलते हुए निरुपम ने तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब तक ममता बनर्जी मुख्यमंत्री रहेंगी, पश्चिम बंगाल में हिंदू सुरक्षित नहीं होंगे.

उन्होंने मुर्शिदाबाद जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदुओं को पलायन से बचाने के लिए ममता बनर्जी की सरकार को हटाना जरूरी है. निरुपम ने बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री की तारीफ की, जो हिंदुओं के हितों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना ऐसे लोगों का समर्थन करती है.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के मराठी भाषा के आग्रह पर भी निरुपम ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, लेकिन इसके लिए हिंसा का रास्ता सही नहीं है.

उन्होंने सुझाव दिया कि मनसे को मराठी सिखाने के लिए कोचिंग सेंटर शुरू करने चाहिए. साथ ही, उन्होंने राउत को सलाह दी कि वे उत्तर भारतीयों और गैर-मराठी भाषियों पर हमले की निंदा करें.

एसएचके/

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