New Delhi, 20 जुलाई . भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान पर जोरदार पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान को आधार बनाकर केंद्र सरकार से सवाल पूछा था.
Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सवाल पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने तीखा विरोध जताया. उन्होंने कांग्रेस सांसद के सवाल पर कहा कि विपक्षी दलों की आदत है कि वे हर चीज में सवाल उठाते हैं. यहां तक कि भारत की जांबाज सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना तो कांग्रेस पार्टी का इतिहास बन गया है.
भाजपा सांसद ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत है. हम सभी जानते हैं कि वह सिर्फ निर्णय नहीं लेते हैं, वह इसे मजबूत तरीके से जमीन पर भी लागू भी करते हैं. कांग्रेस और इंडी अलायंस को यह बात अपने दिमाग से निकाल देनी चाहिए कि भारत की नीति को कोई भी किसी तरह से प्रभावित कर सकता है.
भाजपा सांसद Sunday को परिवार संग चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि सावन का महीना हम सभी के लिए बहुत शुभ माना जाता है. पूरे सावन में भगवान शिव की पूजा की जाती है. आज मैंने अपने पूरे परिवार के साथ गौरी शंकर मंदिर में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक किया. सदियों पुराने इस दिव्य मंदिर में शिवलिंग के समक्ष बैठकर ध्यान और आराधना का अनुभव अत्यंत शांतिप्रद और आत्मिक रहा.
उन्होंने कहा कि हम लोगों ने भगवान शिव से कामना की है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बने. उन्होंने कहा कि हम तो चाहते हैं कि भारत में शांति बनी रहे और सभी का मंगल हो.
–
डीकेएम/एबीएम
The post सेना के पराक्रम पर सवाल उठाना कांग्रेस का इतिहास : प्रवीण खंडेलवाल appeared first on indias news.
You may also like
युवक की हत्या करने वाले दो आरोपित चंद घंटों के भीतर गिरफ्तार
वाराणसी के कराटे खिलाड़ियों की लखनऊ में चमक, शिवेश ने स्वर्ण, आदित्य ने रजत पदक जीता
प्रभाष जोशी के 88वें जन्मदिन पर 'प्रभाष प्रसंग': इमरजेंसी और लोकतंत्र पर हुआ विमर्श, दो पुस्तकों का हुआ लोकार्पण
बरेका के इंजनों की गूंज एक बार फिर विश्व पटल पर – मोजाम्बिक को 3300 एचपी डीजल लोकोमोटिव का सफल निर्यात
भारत की आध्यात्मिक शक्ति ने हमेशा संकट के समय में भारत का मार्गदर्शन किया: डॉ मनसुख मांडविया