विजयवाड़ा, 13 अक्टूबर . एसीबी की विशेष अदालत ने Monday को वरिष्ठ भारतीय Police सेवा (आईपीएस) अधिकारी एन. संजय की जमानत याचिका खारिज कर दी. यह मामला उनके खिलाफ Governmentी धन के कथित दुरुपयोग के लिए दर्ज किया गया था.
अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका फिर से खारिज किए जाने के बाद, संजय को विजयवाड़ा जिला जेल में ही रहना होगा.
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय, आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रतिक्रिया एवं अग्निशमन सेवा के महानिदेशक (डीजी) और अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्यरत थे.
उन पर अग्नि-एनओसी (गवर्नेंस एंड एनओसी इंटीग्रेशन) वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के विकास और रखरखाव का ठेका देने के लिए निविदा प्रक्रियाओं में हेराफेरी करने और 2023 में प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए एक निजी कंपनी को हार्डवेयर की आपूर्ति करने का आरोप है.
आरोप हैं कि आईपीएस अधिकारी ने बिना निविदाएं आमंत्रित किए कुछ उपकरणों की खरीद का आदेश दिया. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) निजी कंपनियों को भुगतान और परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों की भी जांच कर रहा है.
पिछले महीने, एसीबी ने संजय से तीन दिनों तक पूछताछ की थी. Police विभाग की विभिन्न शाखाओं में अपने कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितताओं, धन के दुरुपयोग और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों के आरोपों के बारे में उनसे पूछताछ की गई थी.
संजय ने Supreme court के निर्देशों का पालन करते हुए 26 अगस्त को एसीबी कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.
Supreme court ने 31 जुलाई को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा संजय को दी गई अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी.
उच्च न्यायालय ने जनवरी 2025 में संजय को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी और कहा था कि एक आईपीएस अधिकारी होने के नाते उनके भागने का सवाल ही नहीं उठता.
राज्य Government ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी. अग्रिम जमानत दिए जाने के आधारों पर सवाल उठाते हुए, सर्वोच्च न्यायालय ने संजय को तीन हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पिछले शासनकाल में, सीआईडी प्रमुख के रूप में संजय ने तत्कालीन विपक्ष के नेता और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम घोटाले और अमरावती इनर रिंग रोड के संरेखण (एलाइनमेंट) से संबंधित मामलों की जांच की निगरानी की थी. इन मामलों में नायडू को गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने लगभग दो महीने जेल में बिताए थे.
जून 2024 में टीडीपी के नेतृत्व वाले एनडीए की चुनावी जीत के बाद, चंद्रबाबू नायडू के Chief Minister बनने के बाद, संजय का तबादला कर दिया गया और उन्हें डीजीपी कार्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया.
गठबंधन Government ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ लगे आरोपों की सतर्कता एवं प्रवर्तन (वीएंडई) विभाग द्वारा जांच के भी आदेश दिए.
सतर्कता रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि Government केंद्रीय सेवा आचरण नियमों के तहत संजय के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करे.
Government ने 4 दिसंबर को संजय को सस्पेंड कर दिया और एसीबी ने 24 दिसंबर को उनके खिलाफ धन के कथित दुरुपयोग का मामला दर्ज किया.
–
केआर/
You may also like
अमाैसी एयरपोर्ट पर कारतूस के साथ पकड़ा गया युवक
अफगान विदेश मंत्री ने भारतीय उद्योग जगत को किया आश्वस्त, आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए माहौल अनुकूल
दिल्लीः मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छठ पूजा के लिए हाई लेवल कमेटी का किया गठन, कपिल मिश्रा को कमान
नयाशहर में दो दिन पहले हुई लूट का पुलिस ने किया खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार
कहानी एक ऐसी महिला की जिसने टाटा की` कंपनी को बचाने के लिए बेच दिया था अपना बेशकीमती हीरा