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बीजेपी नेता का आरोप, 'तमिलनाडु में कानून व्यवस्था ध्वस्त, कई मामलों को किया जा रहा रफा-दफा'

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चेन्नई, 4 जुलाई . बीजेपी नेता नारायणन तिरुपति ने तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं. समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने हाल ही में हुई एक पुलिस कार्रवाई को बर्बर और अमानवीय बताया.

तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में 27 वर्षीय मंदिर सुरक्षा गार्ड अजीत कुमार की पुलिस हिरासत में मौत ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है. अजीत को 27 जून को तिरुप्पुवनम पुलिस ने एक भक्त की गाड़ी से 9.5 सोने के आभूषण चोरी के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.

परिवार का आरोप है कि पुलिस की बर्बर पिटाई से उनकी मौत हुई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 44 बाहरी चोटें, सिगरेट से जलने के निशान और मिर्च पाउडर के इस्तेमाल की पुष्टि हुई. घटना के बाद एआईएडीएमके और बीजेपी ने डीएमके सरकार की आलोचना की. इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को एक युवक पर कथित क्रूरता के लिए पहले निलंबित कर गिरफ्तार किया गया.

इसी मामले को लेकर नारायणन तिरुपति ने उठाया कि इन पुलिसकर्मियों को इस तरह की कार्रवाई का आदेश किसने दिया, क्योंकि वे अपने आप ऐसा नहीं कर सकते.

उन्होंने इस घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने की मांग की. तिरुपति ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या पुलिस को यह पता था कि मामला कथित गहना चोरी से जुड़ा था या नहीं. शिकायतकर्ता कौन था और किसने पुलिस पर दबाव डाला, यह अभी तक सामने नहीं आया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री इस मामले को जल्दबाजी में दबाने की कोशिश कर रहे हैं. तिरुपति ने पूछा, “जब कुछ गलत नहीं है, तो सरकार को सच्चाई छिपाने और जल्दबाजी में कार्रवाई करने की क्या जरूरत है?”

उन्होंने एक स्थानीय डीएमके नेता पर 50 लाख रुपये देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

तिरुपति ने सवाल उठाया कि एक स्थानीय नेता इतनी बड़ी रकम कहां से ला सकता है और इसकी शुरुआत किसने की. उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में अखबारों में हत्याओं की खबरें छाई हुई हैं. हाल ही में एक पेट्रोल बंकर मालिक की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई, क्योंकि उसके सीसीटीवी फुटेज की वजह से एक अपराधी पकड़ा गया था. इसी तरह, किशागिरी जिले में एक बच्चे को इसलिए मार दिया गया, क्योंकि उसने दो लोगों को एक साथ देख लिया था.

तिरुपति ने इसे सामाजिक बुराई और सरकारी व्यवस्था की विफलता का परिणाम बताया.

उन्होंने डीएमके सरकार पर कानून-व्यवस्था को पूरी तरह विफल करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार अपराध रोकने में नाकाम रही है और केवल अपराध होने के बाद कार्रवाई का दावा करती है. डीएमके के नए प्रोटोकॉल अभियान को नाटक करार दिया और कहा कि जनता अब सरकार की नाकामी को समझ चुकी है. तिरुपति ने दावा किया कि डीएमके को अगले चुनाव में जनता करारा जवाब देगी.

एसएचके/केआर

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