रांची, 26 जून . झारखंड में गुरुवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की अलग-अलग टीमों की कार्रवाई में दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.
लोहरदगा जिले में ग्रामीण विकास विभाग के विशेष प्रमंडल के कैशियर वरुण कुमार को आंगनबाड़ी जीर्णोद्धार के लिए एक ग्रामीण से चार हजार रुपए लेते हुए दबोचा गया. जबकि, धनबाद में भूमि सुधार उपसमाहर्ता कार्यालय में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर अनिश कुमार एक रैयत से जमीन नामांतरण के नाम पर 15 हजार रुपए बतौर रिश्वत लेते पकड़ा गया.
धनबाद एसीबी के डीएसपी विनोद कुमार ने बताया कि वीरबहादुर सिंह नामक व्यक्ति ने अपनी भूमि के नामांतरण (म्यूटेशन) की अर्जी अंचल कार्यालय में दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था. इसके बाद जब उन्होंने फाइल को डीसीएलआर कार्यालय में दोबारा जमा करने की कोशिश की, तो अनिश कुमार ने 15,000 रुपए की रिश्वत मांगी.
डीएसपी ने बताया, “शिकायत मिलने के बाद हमने आरोप की जांच की. पुष्टि होने पर जाल बिछाया गया. शिकायतकर्ता को चिह्नित (मार्क किए हुए) नोटों के साथ भेजा गया और जैसे ही आरोपी ने पैसे लिए, उसे तुरंत पकड़ लिया गया.”
गिरफ्तारी के बाद एसीबी टीम ने डीसीएलआर कार्यालय की संबंधित फाइलों की तलाशी ली. इसके साथ ही अनिश कुमार के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया गया. इसके बाद आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया.
लोहरदगा जिले में जुरिया ग्राम निवासी सैफुजुल अंसारी ने एसीबी में शिकायत की थी कि आंगनबाड़ी जीर्णोद्धार कार्य के एवज में बिल भुगतान के लिए ग्रामीण विकास प्रमंडल में 10 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई है. सैफुजुल ने कैशियर वरुण कुमार से बातचीत की तो चार हजार रुपए में बात तय हुई.
एसीबी रांची की टीम ने दो दिन पूर्व लोहरदगा पहुंचकर जांच की तो शिकायत सही पाई गई थी. तय योजना के अनुसार, गुरुवार को सैफुजुल ने जैसे ही वरुण कुमार को रिश्वत दी, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया.
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एसएनसी/एबीएम
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