नई दिल्ली, 8 अप्रैल . देश और विदेश में ऐसे लेखकों का एक समूह बन रहा है जो भारतीय विरासत, संस्कृति एवं ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए इससे जुड़े विभिन्न विषयों पर लिख सकते हैं. पीएम-युवा 3.0 लेखक मेंटरशिप योजना के तहत यह संभव हो रहा है. भारत और दुनिया के अन्य स्थानों से युवा एवं महत्वाकांक्षी लेखकों ने ‘पीएम-युवा 3.0 लेखक मेंटरशिप योजना’ में काफी रुचि दिखाई है. यही कारण है कि युवा लेखकों से मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए अब पीएम-युवा 3.0 लेखक मेंटरशिप योजना के लिए आवेदन की तिथि दो महीने के लिए बढ़ा दी गई है.
इसके तहत 30 वर्ष से कम आयु के लेखक अब 10 जून तक अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं. खास बात यह है कि यह योजना 22 भारतीय भाषाओं को प्रोत्साहित करेगी. सभी 22 भारतीय भाषाओं में देश और भारतीयता से जुड़े लेखन को प्रोत्साहित किया जाएगा. यह योजना भारतीय भाषाओं एवं अंग्रेजी में लेखकों का एक ऐसा समूह बनाने में मदद करेगी, जो भारतीय विरासत, संस्कृति एवं ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विषयों पर लिख सकते हैं.
शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी-इंडिया) द्वारा पीएम-युवा 3.0 योजना (युवा, उदीयमान और प्रतिभाशाली लेखक) शुरू की गई है. एनबीटी-इंडिया के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य देश में पठन, लेखन एवं पुस्तक संस्कृति को बढ़ावा देना है. इसके साथ ही विश्व स्तर पर भारत एवं भारतीय लेखन को प्रस्तुत करने के लिए युवा एवं नवोदित लेखकों को प्रशिक्षित करना भी इस योजना का उद्देश्य है.
पीएम-युवा 3.0 योजना का उद्देश्य लेखकों की युवा पीढ़ी के दृष्टिकोण को अभिनव एवं रचनात्मक ढंग से सामने लाना है. इसमें राष्ट्र-निर्माण में प्रवासी भारतीयों का योगदान, भारतीय ज्ञान प्रणाली तथा 1950 से 2025 तक आधुनिक भारत के निर्माता जैसे विषय शामिल हैं.
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत मेंटरशिप के सुपरिभाषित चरणों के तहत इस योजना के चरणबद्ध निष्पादन को सुनिश्चित करेगा. इस योजना के तहत तैयार की गई पुस्तकों को राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा प्रकाशित किया जाएगा. संस्कृति एवं साहित्य के आदान-प्रदान को सुनिश्चित करते हुए तैयार की गई इन पुस्तकों का अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद भी किया जाएगा. इससे ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ को बढ़ावा मिलेगा. यहां चयनित युवा लेखक प्रतिष्ठित लेखकों के साथ संवाद स्थापित करेंगे, साहित्यिक उत्सवों में भाग लेंगे तथा भारत की समृद्ध विरासत और समकालीन प्रगति को प्रतिबिंबित करने वाले विविध कार्यों में योगदान देंगे.
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जीसीबी/एकेजे
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