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आरवीएनएल को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे से 143.3 करोड़ रुपए का ऑर्डर मिला

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नई दिल्ली, 5 जुलाई . रेल मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने शनिवार को घोषणा की कि कंपनी ने दक्षिण मध्य रेलवे के साथ 143.3 करोड़ रुपए के नए कॉन्ट्रैक्ट के लिए लेटर ऑफ एग्रीमेंट (एलओए) पर हस्ताक्षर किए हैं.

इस प्रोजेक्ट में दक्षिण रेलवे के सेलम डिवीजन में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम को अपग्रेड करना शामिल है.

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “रेल विकास निगम लिमिटेड को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम के अपग्रेडेशन वर्क के लिए दक्षिण रेलवे से एलओए प्राप्त हुआ है.”

विशेष रूप से सेलम जंक्शन – पोदनूर जंक्शन और इरुगुर – कोयंबटूर जंक्शन – पोदनूर जंक्शन सेक्शन पर मौजूदा 1×25 केवी ट्रैक्शन सिस्टम को अधिक एडवांस 2×25 केवी सिस्टम में परिवर्तित करना शामिल है.

फाइलिंग के अनुसार, अपग्रेडेशन से दक्षिण रेलवे को अपनी क्षमता बढ़ाने और 3,000 मीट्रिक टन माल ढुलाई के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, “यह प्रोजेक्ट 24 महीने की अवधि में पूरा किया जाएगा और इसमें 143.3 करोड़ रुपए की लागत में लागू कर शामिल हैं.”

आरवीएनएल की यह घोषणा 30 जून को रिपोर्ट की गई दक्षिण मध्य रेलवे की 213.22 करोड़ रुपए की एक अन्य रेलवे परियोजना के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरने के तुरंत बाद हुआ है.

वित्त वर्ष 2025 में अब तक अपेक्षाकृत कम प्रदर्शन के बावजूद, कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए 20,000-22,000 करोड़ रुपए के अपने राजस्व मार्गदर्शन की पुष्टि की है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर शुक्रवार को आरवीएनएल के शेयर 391.2 रुपए प्रति शेयर पर स्थिर रहे.

कंपनी अपने विविध परियोजना पोर्टफोलियो के साथ मजबूत गति बनाए रखना जारी रखती है, जिसमें नई रेलवे लाइनों का निर्माण, ट्रैक्स की डबलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, मेट्रो परियोजनाएं, प्रमुख और केबल-स्टेड पुल और संस्थागत बुनियादी ढांचा शामिल हैं.

इस बीच, क्लीन एनर्जी और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में रणनीतिक कदम उठाते हुए, आरवीएनएल परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी की संभावना भी तलाश रहा है.

जून में मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि कंपनी रूस की सरकारी स्वामित्व वाली परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम के साथ अपने वर्तमान मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, जैसे कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) बनाने के लिए बातचीत कर रही है.

एसकेटी/

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