मुंबई, 8 अप्रैल भारतीय बल्लेबाजी लीजेंड सुनील गावस्कर ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की मुंबई इंडियंस पर 12 रन की जीत में विराट कोहली की 67 रन की पारी की सराहना की. उन्होंने कहा कि पारी की शुरुआत में ही लॉफ्टेड शॉट खेलने की दाएं हाथ के बल्लेबाज की मंशा उनके लिए बहुत कारगर साबित हुई.
कोहली ने 42 गेंदों पर 67 रन की शानदार पारी खेलकर आरसीबी की अगुआई की, जो इस सीजन का उनका दूसरा अर्धशतक है, जबकि कप्तान रजत पाटीदार ने 32 गेंदों पर 64 रन और जितेश शर्मा ने 21 गेंदों पर 40 रन की तेज पारी खेलकर मेहमान टीम को एमआई के खिलाफ 221/5 का मजबूत स्कोर बनाने में मदद की.
कोहली ने शानदार खेल दिखाते हुए जसप्रीत बुमराह का स्वागत मिड-विकेट पर छक्का लगाकर किया और फिर विग्नेश पुथुर पर छक्का मारकर सीजन का अपना दूसरा अर्धशतक पूरा किया. उनकी सनसनीखेज पारी का अंत तब हुआ जब वे 15वें ओवर में हार्दिक पांड्या का शिकार हो गए.
गावस्कर ने कहा, “पिछले डेढ़ सत्र में सबसे बड़ा अंतर यह रहा है कि वे बहुत पहले ही लॉफ्टेड शॉट खेलने लगे हैं. पहले, लॉफ्टेड शॉट पारी के आखिर में आते थे, लेकिन अब वे पहली गेंद से ही जोखिम उठाने की कोशिश कर रहे हैं और इससे बहुत फर्क पड़ रहा है. गेंदबाज जो उनके ड्राइव और फ्लिक के लिए तैयार थे, अब गेंद को इनफील्ड से बाहर जाकर बाउंड्री के लिए जाते हुए देख रहे हैं. मानसिकता में आए इस बदलाव ने गेंदबाजों को चौंका दिया है और यह उनके लिए बहुत बढ़िया काम कर रहा है.”
जवाब में,एमआई के कप्तान पांड्या (15 गेंदों पर 42 रन) और तिलक वर्मा (29 गेंदों पर 56 रन) ने शीर्ष क्रम के ढहने के बाद एक सनसनीखेज जवाबी हमला किया, जिससे एक लक्ष्य हासिल करने की संभावना बन गई. लेकिन क्रुणाल पांड्या (4-45), यश दयाल (2-46) और जोश हेजलवुड (2-37) ने अच्छी गेंदबाजी की और मुंबई इंडियंस को 209/9 पर रोक दिया, जिससे वानखेड़े स्टेडियम में 12 रन की जीत के साथ उनका 10 साल का सूखा खत्म हो गया.
गावस्कर ने आरसीबी के लिए स्कोर का बचाव करते हुए क्रुणाल के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि उनकी गेंदबाजी उन्हें महानतम भारतीय ऑलराउंडरों में से एक वीनू मांकड की याद दिलाती है.
“मैंने हमेशा उनकी क्रिकेट खेलने की तीक्ष्णता और सोच की प्रशंसा की है. वह अपनी छोटी-मोटी कमियों को अपने स्वभाव से पूरा कर लेते हैं – और सच कहूं तो, उनमें बहुत कम कमियां हैं. वह एक बेहतरीन बल्लेबाज और चतुर गेंदबाज हैं. जब वह गेंदबाजी करते हैं, तो मुझे वास्तव में वीनू मांकड की याद आती है.
गावस्कर ने कहा,”मांकड गेंद को बहुत अच्छी तरह से घुमाते नहीं थे, लेकिन उनके पास सूक्ष्म विविधताएं थीं – लाइन और लेंथ, गति में बदलाव, कभी-कभी उछाल, और यहां तक कि एक हाई फुल टॉस बीमर भी. क्रुणाल पांड्या में भी वैसी ही विविधता है. कोई आश्चर्य नहीं कि कप्तान को अंतिम ओवर के लिए उन्हें गेंद सौंपने का भरोसा था. इस तरह का भरोसा बहुत कुछ कहता है.”
आरसीबी ने अब तक अपने चार मैचों में से तीन जीते हैं और तालिका में तीसरे स्थान पर है. उनका अगला मुकाबला गुरुवार को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स (डीसी) से होगा.
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