पटना, 2 मई . केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने शुक्रवार को पहलगाम हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन किया. इसके अलावा, उन्होंने विपक्षी दलों के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने जाति जनगणना को अपने दबाव का नतीजा बताया था और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया ऐतिहासिक फैसला है.
पहलगाम हमले पर अमित शाह के बयान पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, “गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आतंकवादियों को चुन-चुनकर जवाब दिया जाएगा, तो दिया जाएगा. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार की मधुबनी की धरती से ही दुनिया को स्पष्ट संदेश दे दिया था कि हम न आतंकवादियों को छोड़ेंगे और न ही उनके आकाओं को बख्शेंगे.”
जाति जनगणना पर विपक्ष के दावों पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया है कि आगामी जनगणना में जाति जनगणना शामिल होगी. यह फैसला सामाजिक न्याय और विकास को उन लोगों तक पहुंचाने का मजबूत आधार बनेगा, जिन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए. कांग्रेस और राजद ने अब तक जाति जनगणना के नाम पर सिर्फ राजनीति की है. मैं कांग्रेस, लालू यादव और तेजस्वी यादव से पूछना चाहता हूं कि जब आप वर्षों तक केंद्र में कांग्रेस के साथ सत्ता में थे, तब जाति जनगणना क्यों नहीं कराई?
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने एक सर्वे कराया था, जिसे वह जाति जनगणना कहते हैं, लेकिन वह महज एक सर्वे था, जो जनगणना का आधार नहीं बन सकता. कांग्रेस और राजद की सरकार ने उसे प्रकाशित तक नहीं किया. उनकी मंशा कभी भी गरीबों का कल्याण या विकास को जरूरतमंदों तक पहुंचाने की नहीं थी. ये लोग चाहते थे कि देश के लोग अशिक्षित और गरीब रहें, ताकि उनके झूठ और भ्रम का प्रचार चलता रहे. ये लोग परिवारवाद में लिप्त रहे, भ्रष्टाचार और घोटालों के जरिए धन कमाते रहे और सत्ता पर कब्जा बनाए रखने की कोशिश करते रहे. इनका न गरीबों के कल्याण से सरोकार था, न सामाजिक न्याय से और न ही देश के विकास से. अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो जनगणना होगी, उसमें सही मायनों में जाति जनगणना होगी. पिछले साल 18 सितंबर को ही गृह मंत्री ने स्पष्ट किया था कि जब केंद्र सरकार जनगणना के संबंध में घोषणा करेगी, तब स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के हालिया बयान पर नित्यानंद राय ने कहा कि लालू यादव और उनके लोग न तो जाति जनगणना को अपनी नीति में चाहते थे और न ही इसके लिए गंभीर थे. वह सिर्फ झूठी राजनीति करते रहे. उन्होंने सवाल किया कि वर्षों तक कांग्रेस के साथ केंद्र की सत्ता में रहते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने जाति जनगणना क्यों नहीं कराई? उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग सिर्फ ठगने का काम करते हैं.
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पीएसके/एकेजे
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