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आज तक कोई नहीं सुलझा पाया इस पत्थर का रहस्य जो दूध को बना देता है दही• ⁃⁃

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राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक चमत्कारी पत्थर मिलता है, जो कि दूध को दही बना देता है। इस रहस्यमयी पत्थर पर कई तरह के शोध भी किए गए और ये पता लगाने की कोशिश की गई है कि आखिर कैसे इसके संपर्क में आकर दूध का दही बन जाता है। ये पत्थर जैसलमेर जिले के हाबूर गांव के आस-पास के क्षेत्र में पाया जाता है। इसे भूगर्भ से निकला जाता है। इस पत्थर के अंदर विभिन्न प्रकार के खनिज और जीवाश्मों पाये जाते हैं। जिसके कारण इसे जादुई पत्थर माना जाता है।

हाबूर गांव राजस्थान के जैसलमेर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव के लोगों को स्वर्णगिरी कहा जाता है। यहां मिलने वाले जादुई पत्थर को स्थानीय भाषा में हाबूरिया भाटा कहा जाता है। हाबूर पत्थर देखने में हल्के सुनहरे चमकीले रंग का होता है। इस पत्थर के अंदर एमिनो एसिड, फिनायल एलिनिया, रिफ्टाफेन टायरोसिन जैसे कैमिकल पाए जाते हैं। जिसके कारण ये पत्थर दही को दूध बना देता है। हालांकि गांव के लोगों का कहना है कि इसमें एक विशेष जादुई शक्ति मौजूद है जो कि दूध को दही बना देती है। इस पत्थर से जमने वाला दही बहुत ही मीठा होता है और उससे अच्छी खुशबू भी आती है।

हाबूर गांव को वर्तमान में पूनमनगर नाम से जाना जाता है। इस गांव के लोग आज भी दही जमाने के लिए इसी पत्थर का प्रयोग करते हैं। इतना ही नहीं दूर-दूर से लोग यहां आकर ये पत्थर खरीदकर ले जाते हैं। यहाँ के स्थानिय लोग इस रहस्यमय पत्थर से बर्तन, मूर्ति और खिलौने आदि भी बनाते हैं और इन्हें बेचकर पैसे कमाते हैं। इस पत्थर से बने गिलास, प्लेट, कटोरी, प्याले, ट्रे, फूलदान, कप, थाली, मूर्तियां और खिलौने विश्व भर में बेचे जाते हैं। इन पत्थरों से बनने वाले बर्तन, मूर्ति और खिलौने की देश-विदेश में काफी डिमांड है।

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पत्थर से जुड़ी कहानी के अनुसार जैसलमेर और इसके आस-पास के क्षेत्र में तेती नाम का समुद्र हुआ करता था। तेती सागर के सूखने से कई समुद्री जीव जीवाश्म बन गए और पहाड़ों का रूप निर्माण हुआ। इन पत्थरों का गठन 180 मिलियन वर्ष पहले समुद्र के खोल से हुआ था। इन पहाड़ों में मिलने वाले पत्थरों में कई प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।

सेहत को मिलते हैं ये फायदे image

आयुर्वेदिक ग्रन्थों में हाबूर पत्थर का जिक्र किया गया है और लिखा गया है कि अगर इस चमत्कारी पत्थर से बने गिलास में पानी भरा जाए और इसे पीया जाए तो शरीर में एक नई ऊर्जा आ जाती है। हाबूर पत्थर से बनें बर्तनों में नियमित रूप से खाना खाने से मधुमेह, रक्त प्रवाह, जोड़ों का दर्द, पाइल्स जैसी बीमारी होना का खतरा कम हो जाता है और जिनको ये बीमारी है वो नियंत्रित आ जाती है। अगर आप इस पत्थर से बने बर्तन लेना चाहते हैं तो वो आपको आसानी से ऑनलाइन मिल जाएंगे। हाबूर पत्थर से बने बर्तनों की कीमत लगभग 500 से 5000 तक की है।

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