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'पीरियड से गुजर रही सिंगल मां के साथ रात बिताने को तैयार हूं', कांग्रेस नेता के बयान पर हंगामा….

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फिलीपींस। फिलीपींस के पासिग सिटी से कांग्रेस उम्मीदवार क्रिश्चियन सिया एक चुनावी रैली के दौरान दिए गए महिला विरोधी बयान के बाद विवादों में घिर गए हैं। सिया ने मजाक में कहा था कि कोई भी अकेली महिला या सिंगल मां, जो अब भी मासिक धर्म से गुजर रही हैं, मैं उनके साथ एक रात बिताने को तैयार हूं।

उनके बयान के बाद नागरिकों, महिला अधिकार समूहों और निर्वाचन आयोग (कॉमेलेक) ने उनकी कड़ी निंदा की है। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सिया की उम्मीदवारी पर संकट मंडरा रहा है। कॉमेलेक ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें पूछा गया है कि उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए।

“शॉक वैल्यू” का दांव उल्टा पड़ा
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार सिया ने रैली में कहा कि “कोई भी सिंगल मां जो अभी भी मासिक धर्म में है। मैं स्पष्ट कर दूं कि उसे मासिक धर्म होना चाहिए। मैं उसके साथ एक रात बिताऊंगा। उन्होंने दावा किया कि यह बयान “शॉक वैल्यू” के लिए था, लेकिन यह जनता को रास नहीं आया। वायरल वीडियो के बाद ऑनलाइन आक्रोश फैल गया। महिला अधिकार संगठनों ने इसे महिलाओं व खासकर सिंगल माताओं का अपमान बताया, जो पहले ही रोजमर्रा की चुनौतियों से जूझ रही हैं।

इस बयान से हुआ राजनीतिक नुकसान
उनका 3 अप्रैल की दूसरी रैली का एक और वीडियो सामने आया, जिसमें सिया ने अपनी सहायिका की शारीरिक बनावट व वजन पर कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी। उसके बाद कॉमेलेक ने दूसरा कारण बताओ नोटिस जारी किया।

महिला अधिकार समूह गैब्रिएला ने सुप्रीम कोर्ट से सिया को वकील के पेशे से हटाने की अपील की। समूह ने मुख्य न्यायाधीश अलेक्जेंडर गेसमुंडो को लिखे पत्र में कहा कि सिया के साथ महिलाओं के लिए न कोर्ट में और न ही बाहर कोई सुरक्षित स्थान नहीं होगा। इस घटना से सिया के राजनीतिक करियर को गहरा झटका लगा है।

माफी पर उठे सवाल
बढ़ते विरोध के बीच सिया ने शुक्रवार को सार्वजनिक माफी मांगी और कहा कि अगर मेरे बयान से आपकी भावनाएं आहत हुईं, तो मैं माफी मांगता हूं। उन्होंने दावा किया कि वायरल वीडियो में वह हिस्सा नहीं दिखाया गया, जहां दर्शक हंसे थे। उनका बयान संदर्भ से हटाकर पेश किया गया।

आगे क्या?
कॉमेलेक सिया के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहा है, जो उनकी उम्मीदवारी रद्द करने तक जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट भी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठा सकता है। यह मामला मई 2025 के चुनावों से पहले फिलीपींस में चुनावी आचरण और लैंगिक संवेदनशीलता पर बहस छेड़ गया है।

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