नंबर चार पर ऐसा विचित्र शिवलिंग है जिस का आकार खुद बा खुद बढ़ता जा रहा है। जब की नंबर 5 स्वयंभू शिवलिंग है। इनके बारे में जान कर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे
नंबर-1 बिजली महादेव
बिजली महादेव मंदिर मनाली से लगभग 60 किलोमीटर और कुल्लू से 30 किलोमीटर दूर पहाड़ की चोटी स्थित है। ऊंचाई पर मौजूद होने की वजह से यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत लगता है जहां से कुल्लू, मणीकर्ण, पार्वती और भुंतर घाटी दिखाई देती है लेकिन खूबसूरत होने की साथ ही यह मंदिर रहस्यमयी और चमत्कारिक भी है। दरअसल, यहां शिवलिंग के ऊपर हर 12 साल में एक बार अकाशीय बिजली गिरती है, जिससे शिवलिंग कई हिस्सों में टूट कर बिखर जाता है और मंदिर का पुजारी सभी टुकड़ों को इकट्ठा करके उन्हें मक्खन से जोड़कर दोबारा ठोस रूप देता है। फिर कुछ ऐसा चमत्कार होता है जिससे शिवलिंग फिर से अपने आकार में आ जाता है।
नंबर-2 अचलेश्वर महादेव मंदिर
राजस्थान के माउंट आबू में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में रोजाना शिवलिंग का रंग बदलता है। दिन में यहां शिवलिंग केसरिया रंग का दिखता है और शाम होते ही इसका रंग सांवला हो जाता है। इस मंदिर की एक और खास बात है, यहां शिव जी के अंगूठे की पूजा होती है। इसी खासियत की वजह से माउंट आबू आने वाले सभी लोग इस मंदिर में दर्शन करने तो जरूर आते ही हैं।
नंबर-3 ऐरावतेश्वर महादेव मंदिर
वैसे तो दक्षिण भारत में एक से एक पवित्र और मंदिर मौजूद है, लेकिन किसी रहस्यमयी शिव मंदिर की बात होती है, तो सबसे पहले ऐरावतेश्वर मंदिर का नाम जरूर शामिल रहता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहाँ की सीढ़ियाँ बेहद ही खास हैं। जैसे ही इन सीढ़ियों पर कदम रखते हैं तो उसमे से मधुर संगीत की ध्वनि निकलने लगती है। लेकिन इस संगीत के पीछे क्या रहस्य है, इस पर से आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है।
नंबर-4 भूतेश्वर मंदिर
यह मंदिर छत्तीसगढ़ के मरोदा गांव में स्थित भोले बाबा का अनोखा और चमत्कारी मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर में शिवलिंग का आकार हर दिन 6 से 8 इंच बढ़ता है। माना जाता है कि भगवान शंकर-पार्वती ऋषि मुनियों के आश्रमों में भ्रमण करने आए थे, तभी यहां शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए। इस मंदिर को भकुरा महादेव के नाम से जाना जाता है। शिव के इस अद्भुत शिवलिंग को देखने के लिए यूं तो यहां हरदम ही मेला लगा रहता है लेकिन सावन में यहां लंबी कतारें लगती हैं।
नंबर-5 निष्कलंक महादेव मंदिर

अरब सागर के तट पर मौजूद निष्कलंक महादेव मंदिर एक फेमस मंदिर होने के साथ-साथ एक रहस्यमयी मंदिर भी है। यह मंदिर गुजरात के भावनगर में कोलियाक तट पर मौजूद है, जहां 5 पवित्र शिवलिंग मौजूद हैं। इन शिवलिंग को स्वयंभु माना जाता है। कहा जाता है कि भोलेनाथ जी यहाँ खुद प्रकट हुए थे। अबर सागर के समीप होने के चलते जब समुद्र में ज्वार उठता है है तो शिवलिंग पानी से ढक जाता है। निष्कलंक महादेव मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी जुड़ा है। कहा जाता है कि इस स्थान पर पांडवों ने कई वर्षो तक तप किया था।
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