गनी ने खासतौर पर हिंदू लड़कियों को मॉल में नौकरी पर रखा ताकि उनका यौन शोषण कर उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए ब्लैकमेल किया जा सके।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में स्थित SS मॉल में चल रहे यौन उत्पीड़न और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ब्लैकमेल किए जाने के मामले में लगातार नई बातें सामने आ रही हैं।
SS मॉल के मालिक उस्मान अंसारी गनी , उसकी बीवी तरन्नुम और साले गौहर अली पर उसी मॉल में काम करने वाली एक युवती ने धर्मांतरण और यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए थे।
आरोप है कि गनी ने खास तौर पर हिंदू लड़कियों को मॉल में नौकरी पर रखा ताकि उनका यौन शोषण कर उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके। इसके बाद उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा सके।
पीड़िता ने शिकायत में बताया कि नौकरी मिलने के बाद महिलाओं को मॉल की ऊपरी मंजिल पर स्थित दो कमरों में ले जाया जाता था, जहाँ उनका यौन उत्पीड़न किया जाता था। इसके बाद उन्हें वेश्यावृत्ति में धकेला जाता और इस्लाम धर्म अपनाने के लिए ब्रेनवॉश किया जाता था।
मामले की भनक लगते ही उस्मान अंसारी और उसकी बीवी रविवार (14 सितंबर 2025) को मॉल में ताला डालकर फरार हो गए थे। लेकिन 15 सितंबर 2025 को दुबई भागने की कोशिश करते समय उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
हिंदूफोबिया ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार, देवरिया मामले में चल रहा ये रैकेट आगरा धर्मांतरण रैकेट और छांगुर पीर के नेटवर्क के जैसे ही काफी बड़े स्तर पर चलाया जा रहा था। पीड़िता ने बताया, “मॉल में काम करने वाली 80 प्रतिशत महिलाएँ हिंदू थीं, जबकि ज्यादातर पुरुष मुस्लिम थे।”
इसके तहत हिंदू समाज के कमजोर वर्गों, गरीब और सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के साथ छात्राओं और महिलाओं को टारगेट करते थे।पैसों का लालच और काम के बहाने ये लोगों को अपने पास बुलाते थे। इसके बाद इस्लाम धर्म अपनाने के लिए ब्रेनवॉश किया जाता था।
देवरिया में रहना है तो इस्लाम अपनाना पड़ेगा
रिपोर्ट में पीड़िता ने बताया कि जो लड़कियाँ धर्मांतरण का विरोध करतीं, उनका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया जाता था। लड़कियों को मानसिक रूप से इतना प्रताड़ित किया जाता कि वे टूट जातीं।
पीड़िता ने बताया, “एक दिन वे लोग मुझे उस कमरे में लेकर गए। उस्मान और गौहर ने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरे साथ रेप किया। इनके साथ तरन्नुम भी थी जो वहीं खड़ी होकर सबकुछ होते हुए देख रही थी। उन लोगों ने मेरा वीडियो भी बनाया और फिर मुझे धमकी दी।”
पीड़िता ने कहा कि उसे बार बार कहा गया कि अगर देवरिया में रहना है तो उसे धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपनाना पड़ेगा। मना करने पर उसे धमकी के साथ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया गया। इसके बाद पीड़िता ने मॉल में नौकरी छोड़ दी। वह 2 साल तक डर डर कर रही। इसके बाद हिम्मत कर पुलिस के पास पहुँची।
हालाँकि पुलिस ने भी पहली बार में उसकी बात को अनसुना कर दिया। मार्च 2025 में वह SHO और सर्किल अधिकारी से मिली लेकिन उसकी शिकायत नहीं लिखी गई। पीड़िता ने बताया कि आरोपितों ने अपने पैसे और ताकत के दम पर किसी भी जगह शिकायत दर्ज नहीं होने दी।
इसके बाद वह SP और स्थानीय विधायक शलभमणि त्रिपाठी के पास पहुँची। इसके बाद उसके मामले को संज्ञान में लिया गया। हालाँकि महीनों तक उसे केस वापस लेने की धमकी मिलती रही। उसे कहा गया कि केस वापस लेलो वरना जान से मारी जाएगी।
7 सितंबर 2025 को उसकी शिकायत पर पुलिस ने एक्शन लिया। इसके बाद SS मॉल के कई अन्य कर्मचारियों ने भी हिम्मत की और शिकायत दर्ज करवाई। कई हिंदू लड़कियों ने आगे आकर अपनी आपबीती बताई।
उस्मान गनी के SS मॉल और में काम करने वाले पुराने कर्मचारी शाह आलम और अजय ने पुलिस को बताया कि उन लोगो को अक्सर मॉल के उन दोनों CCTV फुटेज को हटाने को कहा जाता था जिसमें हिंदू लड़कियों के अंदर जाने और कमरे से निकलने का समय हो।
दोनों ने बताया कि उन्हें कहा जाता था कि हर हफ्ते कुछ फुटेज हटाना पड़ता था। अगर वे इसका विरोध करते तो उन्हे नौकरी से हटाने और उन पर कार्रवाई की धमकी दी जाती थी। शाह आलम के भाई सलमान ने बताया कि वह भी पहले EG मार्ट में काम करते थे लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
सलमान के अनुसार, वहाँ का माहौल ठीक नहीं था। जब शाम को सारा स्टाफ चला जाता था तो कुछ हिंदू लड़कियों को रोक लिया जाता था। उन्हें उस कमरे में भेजा जाता था जिसमें वेश्यावृत्ति का काम होता था। सुबह उस CCTV फुटेज को डिलीट करवाया जाता था।
हिंदुओं से पढ़वाई जाती थी हदीस
देवरिया के इस मामले में उस्मान अंसारी और उसके भाई इजराफिल अंसारी के साथ एक और नाम अब्दुर्रहमान का भी सामने आया है। EG मार्ट में बतौर मैनेजर काम कर रहा अब्दुर्रहमान भी इस रैकेट का अहम हिस्सा है।
असल में अब्दुर्रहमान का भी धर्मांतरण किया गया है। उसका असली नाम दत्तात्रेय गुप्ता था। 2019 अपनी पत्नी गायत्री के साथ उसने इस्लाम कबूल कर लिया था। इसके बाद उनके नाम अब्दुर्रहमान और गुलशन फातिमा हो गया। दोनों ने अपने परिवार से भी सारे रिश्ते तोड़ लिए।

मार्ट में काम करने के दौरान छोटे से पद से सीधे मैनेजर पर प्रमोशन दे दिया गया। पीड़ितों के अनुसार, वह हिंदू कर्मचारियों का ब्रेनवॉश करता था। उन्हें सुबह बैठक आयोजित कर कलमा और हदीस सिखाता था।

EG मार्ट और SS मॉल में काम करने वाले हिंदू कर्मचारियों को अलग-थलग किया जाता था और उन्हें कलमा और हदीस पढ़ने के लिए मजबूर किया जाता था।
सलमान के अनुसार, अब्दुर्रहमान की बीवी गुलशन अक्सर मॉल परिसर में आती थीं और हिंदू महिला कर्मचारियों को अलग कमरों में ले जाकर इस्लामी तौर-तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर करती थीं।

ये दोनों मिलकर उस्मान के रैकेट में हिंदू कर्मचारियों को फँसाते थे। इसके जरिए धर्म परिवर्तन का ये धंधा फल फूल रहा है।

हिंदू लड़कियाँ धर्मांतरण रैकेट की पहली पसंद
पीड़िता इकलौती लड़की नहीं थी बल्कि उस्मान के मॉल में काम करने वाली उस जैसी लगभग सारी हिंदू लड़कियाँ धर्मांतरण रैकेट के निशाने पर थीं।
हिंदूफोबिया से बात करते हुए पीड़िता ने बताया, “लड़कियों को जिले से बाहर घुमाने ले जाया जाता था। उन्हें ऐशो-आराम का वादा किया जाता था और फिर धीरे-धीरे उनका ब्रेनवॉश किया जाता था।”
इस प्रक्रिया में तरन्नुम अपना किरदार निभाती थी। वो ही लड़कियों को नमाज पढ़ना, कलमा दोहराना सिखाती और यह भी कहती थी कि हिंदू देवी-देवता झूठे हैं। उसका कहना था कि केवल इस्लाम ही सबसे ऊपर है।
अपने बारे में पीड़िता ने कहा, “मैंने पूरी तरह फँस जाने से पहले ही नौकरी छोड़ दी, लेकिन कई लड़कियाँ बच नहीं सकीं। वे या तो पैसों के कारण रुक गईं या इसलिए क्योंकि विरोध करने या धमकियों से डरती थीं।”
पीड़िता की तरह देवरिया धर्मांतरण के मामले में एक और खुलासा हुआ है। खुखुंदू थाना क्षेत्र के रहने वाले उमेश सिंह की बेटी लक्ष्मी सिंह को उस्मान गनी के साले गौहर अली ने बहलाकर निकाह किया।
लक्ष्मी के पिता उमेश सिंह के अनुसार, गौहर 31 जुलाई 2025 को उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गया। वहाँ उसका इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराया गया और उसका नाम बदलकर ‘सलमा’ रख दिया गया।
उमेश सिंह ने बताया, “मेरी बेटी को गौहर दिल्ली ले गया। वहाँ उसका धर्म बदल दिया गया और नाम सलमा रख दिया गया। उसके अपने सपने थे, लेकिन उसका ब्रेनवॉश कर दिया गया।”
उमेश ने आगे कहा, “मैंने अपहरण का मामला दर्ज कराया। इसके बाद अगस्त 2025 में गौहर को गिरफ्तार किया गया। हालाँकि मुझे पता है कि वह अकेले ये काम नहीं कर रहा था। इसके पीछे उस्मान ही था।”
अब पीड़ित परिवारों को धमकियाँ भी दी जा रही हैं। मामले में सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि जिले में छांगुर पीर जैसे सिंडिकेट को पनपने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं और SS मॉल और EG मार्ट की जाँच की माँग की जा रही है। पिछले कुछ दिनों से लगातार खुलासों के बाद अब SS मॉल और EG मार्ट पर स्थानीय लोगों द्वारा भी जाँच की माँग उठाई जा रही है।
उमेश सिंह का कहना है कि उस्मान अंसारी का देवरिया में चल रहा धर्मांतरण रैकेट छांगुर पीर के धर्मांतरण रैकेट के जैसा ही है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में उमेश सिंह ने गौहर अंसारी के खिलाफ अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत के बाद पुलिस ने गौहर और लक्ष्मी दोनों को ढूंढ निकाला। लेकिन तब तक गौहर लक्ष्मी से मंदिर में विवाह कर चुका था। चूंकि लक्ष्मी बालिग थी, इसलिए कोर्ट में उसकी बात को ही माना। हालाँकि ब्रेनवॉश हो चुकी लक्ष्मी ने गौहर की ही साथ दिया।

लक्ष्मी सिंह के पिता उमेश सिंह ने बाद में एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने गौहर अंसारी पर उनकी बेटी का जबरन इस्लाम धर्म में परिवर्तन कराने का आरोप लगाया।
खुखुंदू थाने के प्रभारी निरीक्षक कल्याण सिंह सागर ने पुष्टि की कि उमेश सिंह की शिकायत के आधार पर गौहर अंसारी समेत छह लोगों के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन, विवाह, धमकी और दबाव का मामला दर्ज किया गया।
हालाँकि लक्ष्मी ने पुलिस के सामने अपने पिता पर ही आरोप लगा दिए, जिससे मामला और उलझ गया। पुलिस जाँच के बाद गौहर अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया।
हिंदू कर्मचारियों के लिए तय की गई हरी यूनिफॉर्म
हिंदूफोबिया ट्रैकर टीम के खुलासे में यह भी सामने आया कि मॉल में काम करने वाले स्टाफ को हरे रंग की यूनिफॉर्म पहनने के लिए मजबूर किया जाता था। टीम ने मॉल का दौरा किया तो देखा कि सभी महिला कर्मचारी वास्तव में हरे सलवार-कुर्ते में थीं।
असल में हरे रंग से ये रैकेट इस्लामी मजहब और पहचान को दिखाने की कोशिश कर रहा था। इस ड्रेस कोड के जरिए हिंदू कर्मचारियों की धार्मिक पहचान को कमजोर करने का प्रयास किया गया।

पूरे मामले में देवरिया सदर विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के दखल के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और उस्मान, उसकी पत्नी तरन्नुम और सहयोगी गौहर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
इस मामले पर विधायक ने कहा कि ये पूरा रैकेट असल में कई स्तर पर चसल रहा है और किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा प्रतीत होता है। इसके अलावा जो उस्मान आज धर्मांतरण गिरोह का सरगना बना बैठा है, उसकी आर्थिक स्थिति भी सवालों के घेरे में है क्योंकि कुछ वर्षों पहले वह बस स्टैंड पर चप्पल बेचता था। अचानक उसके पास मॉल और बड़े मार्ट के पैसे और इतनी फंडिंग कहां से आ गई? असल में इस तरह की बड़ी फंडिंग और ये काम किसी बड़ी साजिश का ही हिस्सा हैं, जिनकी गहन जाँच आवश्यक है।”
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