महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर यूपी सरकार ने भले ही सभी व्यवस्थाओं को बेहतर बताने का दावा किया हो, लेकिन मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ ने वास्तविकता को उजागर कर दिया है। इस घटना पर कई संतों ने नाराजगी जताई है, जबकि कुछ इसे एक दुर्घटना मानते हैं।
बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की है, यह कहते हुए कि भगदड़ जैसी गंभीर घटना को छिपाना उचित नहीं था।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि लोगों ने सरकार के दावों पर विश्वास किया था। सरकार ने महाकुंभ में 42 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया था और 100 करोड़ की व्यवस्था की बात कही थी। मौनी अमावस्या के दिन इन दावों की सच्चाई सामने आ गई।
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि 100 करोड़ की व्यवस्था थी और केवल 40 करोड़ लोग आए, तो फिर अव्यवस्था कैसे हुई? अगर 140 करोड़ लोग आते, तो ओवर क्राउडिंग की बात समझ में आती।
स्वामी ने यह भी कहा कि यह दुखद है कि सीएम ने इस गंभीर घटना को 18 घंटे तक छिपाए रखा। इसके बाद भी मृतकों की संख्या को छिपाने का प्रयास किया गया। सीएम ने अपने सोशल मीडिया पर अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी, लेकिन शंकराचार्य का कहना है कि जब तक सीएम ने स्पष्ट नहीं किया, तब तक उन्हें यह सब अफवाह ही लग रहा था।
सीएम योगी का इस्तीफा आवश्यक
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सीएम योगी कोई संत नहीं हैं। यदि वे संत होते, तो ऐसी दुखद घटना को छिपाते नहीं। संत हमेशा सच का सामना करते हैं। उन्होंने कहा कि सीएम को इस घटना के बाद इस्तीफा दे देना चाहिए और उनकी जगह किसी योग्य व्यक्ति को सीएम बनाना चाहिए।
घटनाओं की संख्या
शंकराचार्य ने बताया कि भगदड़ की घटना का कहीं उल्लेख नहीं किया गया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 1-2 नहीं, बल्कि 6 स्थानों पर भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। मृतकों की संख्या पर उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ा 30 है, लेकिन सही संख्या अभी भी छिपाई जा रही है। हालांकि, 49 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें से 25 की पहचान हो चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो संत यह कहते हैं कि भगदड़ में मारे गए लोग मोक्ष को प्राप्त हुए हैं, उन्हें भी गंगा में धकेलकर मोक्ष देने की तैयारी करनी चाहिए। यह कहना आसान है कि मोक्ष प्राप्त हो गया, लेकिन जो बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग कुचले गए हैं, उनके लिए यह कहना उचित नहीं है। सरकार को सीसीटीवी फुटेज जारी करना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
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