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तोरई के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ और उपयोग

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तोरई: एक बहुपरकारी सब्जी

तोरई, जिसे तुरई या तोरी भी कहा जाता है, एक लोकप्रिय सब्जी है जो भारत के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाती है। यह पोषण के मामले में नेनुए के समान मानी जाती है। बारिश के मौसम में, तोरई का उपयोग भोजन में अधिक होता है। यह मीठी और कड़वी दोनों प्रकार की होती है और इसकी प्रकृति ठंडी और तर होती है। आजकल, समय के साथ बालों का सफेद होना आम हो गया है, जिसका मुख्य कारण जीवनशैली है। सही खान-पान और नींद की कमी, साथ ही जंक फूड का सेवन इसके लिए जिम्मेदार है। हम आपको तोरई के कुछ घरेलू उपाय बताएंगे, जो न केवल बालों को काला करने में मदद करते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करते हैं।


तोरई का वैज्ञानिक नाम लुफ्फ़ा एक्युटेंगुला है। आदिवासी समुदाय इसे विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग करते हैं। मध्य भारत के आदिवासी इसे सब्जी के रूप में बड़े चाव से खाते हैं और हर्बल जानकार इसे कई नुस्खों में शामिल करते हैं।


तोरई के 14 अद्भुत फायदे

1. पथरी: तोरई की बेल को गाय के दूध या ठंडे पानी में घिसकर सुबह के समय 3 दिन तक पीने से पथरी गलने लगती है।


2. फोड़े की गांठ: तोरई की जड़ को ठंडे पानी में घिसकर फोड़ें की गांठ पर लगाने से 1 दिन में फोड़ें की गांठ खत्म होने लगती है।


3. चकत्ते: तोरई की बेल को गाय के मक्खन में घिसकर 2 से 3 बार चकत्ते पर लगाने से लाभ मिलता है।


4. पेशाब की जलन: तोरई पेशाब की जलन और संबंधित बीमारियों में राहत देती है।


5. आंखों के रोहे: आंखों में रोहे होने पर तोरई के ताजे पत्तों का रस डालने से लाभ होता है।


6. बालों को काला करना: तोरई के टुकड़ों को सुखाकर नारियल के तेल में मिलाकर बालों पर लगाने से वे काले हो जाते हैं।


7. डायबिटीज़ में फायदा: तोरई में इंसुलिन जैसे पेप्टाइड्स होते हैं, जो डायबिटीज़ में सहायक होते हैं।


8. दाद, खाज और खुजली से राहत: तोरई के पत्तों और बीजों को पानी में पीसकर त्वचा पर लगाने से आराम मिलता है।


9. पेट दर्द: अपचन और पेट की समस्याओं के लिए तोरई की सब्जी कारगर होती है।


10. बवासीर: तोरई की सब्जी खाने से कब्ज ठीक होती है और बवासीर में राहत मिलती है।


11. गठिया: पालक, मेथी और तोरई का सेवन घुटने के दर्द में राहत देता है।


12. मस्से: तोरई को उबालकर बैंगन के साथ खाने से मस्से झड़ जाते हैं।


13. पीलिया: पीलिया में तोरई के फल का रस डालने से लाभ होता है।


14. लिवर के लिए गुणकारी: तोरई का नियमित सेवन रक्त शुद्धिकरण और लिवर के लिए फायदेमंद होता है।


ध्यान देने योग्य बातें

1. तोरई कफ और वात उत्पन्न कर सकती है, इसलिए इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है।


2. तोरई पचने में भारी होती है, इसलिए वर्षा ऋतु में इसका सेवन रोगियों के लिए लाभदायक नहीं होता।


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