यदि आपके शरीर में पथरी है, तो सबसे पहले आपको कुछ चीजों से परहेज करना चाहिए। जैसे कि, चूना का सेवन न करें, क्योंकि यह पथरी का एक मुख्य कारण है। पथरी वाले लोगों के शरीर में कैल्शियम की अधिकता होती है, जो पच नहीं पाता।
इसलिए, चूना खाना बंद कर दें। पखानबेद नामक एक पौधा है, जिसे पथरचट भी कहा जाता है। इसके 10 पत्तों को 1 से 1.5 गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इससे 7 से 15 दिन में पथरी समाप्त हो सकती है। आप दिन में तीन बार सीधे तीन पत्ते भी खा सकते हैं।
होमियोपेथी उपचार
होमियोपेथी में एक दवा है, जिसका नाम BERBERIS VULGARIS है। इसे किसी भी होमियोपेथी की दुकान से प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ MOTHER TINCTURE लिखना न भूलें।
दवा की 10-15 बूंदों को एक चौथाई कप पानी में मिलाकर दिन में चार बार (सुबह, दोपहर, शाम और रात) लेना है। इसे लगातार एक से डेढ़ महीने तक लेना चाहिए। यह दवा किडनी, गॉल ब्लैडर या मूत्रपिंड में मौजूद सभी प्रकार की पथरी को पिघलाकर बाहर निकाल देती है।
99% मामलों में, डेढ़ से दो महीने में सभी पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है। यदि कुछ पथरी रह जाती है, तो थोड़े समय बाद फिर से ले सकते हैं। इस दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
यह दवा गॉल ब्लैडर की पथरी को भी ठीक कर देती है, जिसे आधुनिक चिकित्सा में कैंसर समझा जाता है।
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