भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला का पहला मुकाबला 20 जून को लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर हो रहा है। पहले इस श्रृंखला को पटौदी ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था, लेकिन इस वर्ष इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इसका नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रख दिया।
ईसीबी के इस निर्णय पर काफी विवाद हुआ था, जिसमें कई पूर्व क्रिकेटरों ने अपनी असहमति जताई थी, जिनमें कपिल देव जैसे दिग्गज भी शामिल थे। अब सुनील गावस्कर ने इस नामकरण के लिए ईसीबी की कड़ी आलोचना की है, और उनका यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।
गावस्कर ने ईसीबी पर निशाना साधामिड-डे के लिए अपने कॉलम में, सुनील गावस्कर ने इस तर्क को खारिज किया कि नामों को वर्णानुक्रम में रखा गया था। उन्होंने ईसीबी को इस निर्णय के लिए खुलकर आलोचना की।
गावस्कर ने लिखा, “इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड चाहे इस श्रृंखला का जो नाम रखे, लेकिन अधिकांश भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को यह अजीब लगेगा कि एंडरसन का नाम तेंदुलकर से पहले क्यों रखा गया। सचिन न केवल भारतीय क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक हैं, बल्कि एंडरसन से 12 साल बड़े भी हैं। उनके टेस्ट और वनडे रिकॉर्ड अविश्वसनीय हैं।”
गावस्कर की तर्कसंगत आलोचनागावस्कर ने आगे कहा कि जेम्स एंडरसन भले ही टेस्ट क्रिकेट में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हों, लेकिन वनडे में उनके आंकड़े उतने प्रभावशाली नहीं हैं। उन्होंने लिखा, “सचिन वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं, जबकि एंडरसन नहीं। इसके अलावा, एंडरसन की गेंदबाजी ज्यादातर इंग्लिश पिचों पर ही प्रभावी रही है, जबकि विदेशों में उनका रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं है।”
गावस्कर ने भारतीय मीडिया और प्रशंसकों से अपील की कि वे इस ट्रॉफी को ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ के नाम से पुकारें ताकि सचिन को उचित सम्मान मिल सके।
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