पति-पत्नी के बीच होने वाले विवादों में कई बार अजीबोगरीब मामले सामने आते हैं। हाल ही में एक पति ने अपनी पत्नी की शराब की लत से परेशान होकर उच्च न्यायालय का रुख किया। पति ने अदालत में कहा कि उसकी पत्नी बिना बताए अपने दोस्तों के साथ बाहर जाती है और शराब का सेवन करती है। तलाक की मांग करते हुए पति ने अदालत में याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक चौधरी और प्रकाश शुक्ला की बेंच के समक्ष सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वह अपनी पत्नी से तलाक चाहता है, क्योंकि वह अपने पुरुष मित्रों के साथ बिना बताये बाहर जाती है और शराब पीती है। अदालत ने इस पर कहा कि यदि पत्नी शराब पीने के बाद असभ्य व्यवहार नहीं करती है, तो इसे क्रूरता नहीं माना जा सकता।
अदालत ने आगे कहा कि मिडिल क्लास समाज में शराब पीना आमतौर पर स्वीकार्य नहीं है, लेकिन इस मामले में ऐसा कोई सबूत नहीं है जो यह दर्शाए कि शराब पीने के कारण पति के साथ क्रूरता हुई है। अदालत ने यह भी कहा कि तलाक की सुनवाई के दौरान क्रूरता, परित्याग या छोड़ने के आधार पर मामले की जांच की जा रही थी।
अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि परिवार न्यायालय का निर्णय सही था, क्योंकि यह साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं था कि शराब पीने से बच्चे का स्वास्थ्य प्रभावित होगा। सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि पत्नी 2016 से पति से अलग रह रही है।
अदालत ने पति की तलाक की याचिका को मंजूरी देते हुए कहा कि पत्नी के ससुराल की ओर से कोई भागीदारी नहीं है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पत्नी अपने ससुराल लौटना नहीं चाहती।
यह जोड़ा 2015 में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिला और शादी की। पति ने याचिका में बताया कि पत्नी ने 2016 में उसे छोड़ दिया और अपने बेटे को लेकर कोलकाता चली गई। इसके बाद पति ने परिवार न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था।
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