हम अपनी दैनिक दिनचर्या में कई उत्पादों का उपयोग करते हैं, जैसे कि टूथपेस्ट से लेकर फेसवॉश तक। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये उत्पाद हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं? कई ऐसे उत्पाद हैं जो भारत में आसानी से मिलते हैं, जबकि अन्य देशों में इन्हें सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित किया गया है। विकसित देशों में लोग अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक जागरूक होते हैं, जिसके कारण भारत में उपलब्ध उत्पादों पर कई देशों में बैन लगा हुआ है।
भारत जैसे विकासशील देशों में, लोगों की मानसिकता ऐसी हो गई है कि वे अपने फायदे के लिए दूसरों की जान को खतरे में डालने से नहीं चूकते। कुछ पैसों के लिए ऐसे खतरनाक उत्पाद खुलेआम बिकते हैं। आइए, जानते हैं वे कौन से सामान्य उत्पाद हैं जो कई देशों में प्रतिबंधित हैं, लेकिन भारत में आसानी से उपलब्ध हैं।
भारत में बिकने वाले प्रतिबंधित उत्पाद
केचप (Ketchup)
आप अक्सर अपने खाने में केचप का उपयोग करते हैं, लेकिन फ्रांस में इसे स्कूलों और कैफे में प्रतिबंधित किया गया है। वहां के सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
किंडर जॉय (Kinder Joy)
बच्चों के बीच लोकप्रिय किंडर जॉय अमेरिका में प्रतिबंधित है, क्योंकि इसके कारण कई बच्चों के गले में फंसने के मामले सामने आए हैं। भारत में यह उत्पाद हर किराना दुकान पर आसानी से उपलब्ध है।
समोसा (Samosa)
भारत का प्रिय समोसा सोमालिया में 2011 से प्रतिबंधित है, क्योंकि इसके तिकोने आकार को एक विशेष धार्मिक प्रतीक माना जाता है। भारत में यह उत्पाद बिना किसी रोक-टोक के बिकता है।
च्यवनप्राश (Chyawanprash)
भारत में सर्दियों में च्यवनप्राश का सेवन किया जाता है, लेकिन कनाडा में इसे सीसे और पारे की उच्च मात्रा के कारण 2005 से प्रतिबंधित किया गया है।
च्यूइंग गम (Chewing Gum)
सिंगापुर में च्यूइंग गम की बिक्री पर प्रतिबंध है, जबकि भारत में यह आसानी से उपलब्ध है।
डिस्प्रिन (Disprin)
भारत में सिरदर्द के लिए आमतौर पर उपयोग किया जाने वाला डिस्प्रिन अमेरिका और यूरोप में प्रतिबंधित है, क्योंकि यह शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है।
रेड बुल (Red Bull)
भारत में लोकप्रिय एनर्जी ड्रिंक रेड बुल कई देशों में प्रतिबंधित है, जैसे कि फ्रांस और नॉर्वे, जहां इसकी कैफीन की मात्रा अधिक होती है।
लाइफ बॉय (Lifebuoy)
भारत में लाइफ बॉय साबुन का उपयोग आम है, लेकिन विकसित देशों में इसे जानवरों के लिए उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसे मानव त्वचा के लिए हानिकारक माना जाता है।
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