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जानें Rapido की कहानी, 75 बार रिजेक्ट हुआ था ये बिजनेस आइडिया, आज करोड़ों का कारोबार

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रैपिडो का नाम आजकल हर कोई जानता है. यह एक बाइक-टैक्सी कंपनी है, जो लोगों को बाइक और टैक्सी उपलब्ध कराती है. रैपिडो सबसे ज्यादा अपनी बाइक सर्विस के लिए मशहूर है. ज्यादातर लोग ऑफिस या कहीं पास में जाने के लिए रैपिडो का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं रैपिडो की शुरुआत कैसे हुई थी. आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि रैपिडो का आइडिया लगभग 75 बार रिजेक्ट हुआ था. बावजूद इसके आज यह कंपनी इस स्थान पर है. कौन है रैपिडो का मालिकरैपिडो के मालिक पवन गुंटुपल्ली हैं. वह रैपिडो के को-फाउंडर है. आज रैपिडो कंपनी का कारोबार करोड़ों रुपये तक पहुंच गया है. इस कंपनी की कीमत लगभग 6,700 करोड़ रुपये है. पवन के लिए यह सब करना आसान नहीं थी. शुरूआत में पवन को काफी मुश्किलों और असफलताओं का सामना करना पड़ा. आईआईटी ग्रेजुएट हैं पवन गुंटुपल्लीपवन गुंटुपल्ली आईआईटी ग्रेजुएट है. वह तेलंगाना के रहने वाले है. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पवन नौकरी करने लगे. वह सैमसंग में सॉफ्टवेयर डेवलप करने वाली टीम में काम किया करते थे. पवन हमेशा से ही कुछ अलग करना चाहते थे. ऐसे में उन्होंने अपने दोस्त अरव‍िंद संका के साथ theKarrier नाम का एक स्टार्टअप शुरू किया लेकिन पवन का यह स्टार्टअप ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाया और उन्हें यह काम बंद करना पड़ा. रैपिडो की शुरुआतसाल 2014 में पवन ने रैपिडो की शुरुआत की. इसके लिए पवन को इंवेस्‍टर्स की जरूरत थी लेकिन पवन को इंवेस्‍टर्स ढूंढने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. कोई भी इस स्टार्टअप में निवेश करने के लिए तैयार नहीं था. पवन को पूरे 75 बार इसके लिए निराश होना पड़ा. हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन पहले निवेशकसाल 2016 में रैपिडो को पहला निवेशक मिला. यह हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पवन मुंजाल थे. बस यही से रैपिडो के अच्छे दिन आ गए. पवन ने रैपिडो को बाकी कॉम्पिटिटर्स से अलग बनाया. उन्होंने 3 रुपये प्रति किमी के हिसाब से चार्ज किया. धीरे-धीरे रैपिडो का कारोबार बढ़ता चला गया और आज रैपिडो का इस्तेमाल भारत के ज्यादातर लोग बाइक टैक्सी बुक करने के लिए कर रहे हैं.
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