शेयर मार्केट में भले ही उतार चढ़ाव बना हुआ हो, लेकिन कुछ स्टॉक पर रिटेल इन्वेस्टर्स की नज़रें बनी हुई हैं. रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के स्टॉक सुज़लॉन एनर्जी के शेयर प्राइस में पिछले कुछ दिनों से हलचल नहीं हुई है, लेकिन यह स्टॉक चर्चा में बना हुआ है औबर रिटेल इन्वेस्टर्स की इसके मूवमेंट पर नज़र है. आम निवेशकों को सुज़लॉन पर विश्वास है कि यह विंड एनर्जी स्टॉक उन्हें लॉन्ग टर्म में मल्टीबैगर रिटर्न देगा. यही वजह है कि सुज़लॉन एनर्जी में 55% हिस्सेदारी आम लोगों की है. रिटेल इन्वेस्टर्स इस स्टॉक को हर गिरावट में खरीदते हैं.
सुज़लॉन एनर्जी के शेयर होल्डिंग पैटर्न को देखें तो प्रमोटर्स के पास 11.70% हिस्सेदारी है, जबकि एफआईआई के पास इसमें 23.0% हिस्सेदारी है. डीआईआई के पास सुज़लॉन में 10.2% हिस्सेदारी है.
Suzlon Energy Ltd के शेयर प्राइस में सोमवार को कोई खास हलचल तो नहीं हुई लेकिन वह 61 रुपए के करीब डे हाई पर जाने के बाद 59.90 रुपए के लेवल पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप 81.87 हज़ार करोड़ रुपए है. पिछले एक साल में स्टॉक 84.99 रुपए के लेवल से 27% गिरकर कारोबार कर रहा है.
सुज़लॉन फिलहाल रेंज बाउंड स्टॉकसुज़लॉन एनर्जी के चार्ट पर फिलहाल कोई बड़ी मूवमेंट नहीं है, बल्कि स्टॉक 56 रुपए से 62 रुपए की रेंज में कई दिनों से घूम रहा है. नीचे की ओर 52 रुपए तक स्टॉक में स्ट्रांग सपोर्ट है.अब तक इस लेवल तक स्टॉक में बाइंग आई है. ऊपरी लेवल देखें तो 62 रुपए के पास क्लोज़िंग देने पर इसमें अपसाइड मूवमेंट आ सकती है.
अगर सुज़लॉन ने 62 रुपए का लवल अपसाइड ब्रेक किया तो फिर उसमें 70 रुपए तक के टारगेट देखे जा सकते हैं. हालांकि इसमें समय भी लग सकता है.
सुज़लॉन क्यों विशेष है?सुजलॉन रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में विशेष कंपनी इसलिए है क्योंकि यह वर्टिकली इंटीग्रेटेड मॉडल अपनाती है, जिसमें डिजाइन से मेंटेनेंस तक सब कुछ इन-हाउस होता है. कंपनी में बाहरी डिपेंडेंसी बहुत कम है.
यह भारत की नंबर 1 विंड एनर्जी कंपनी है, जो 32% मार्केट शेयर रखती है. इसकी मौजूदगी 17 देशों में में है और इसके पास 14 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं. कंपनी मे पिछले दिनों नए ऑर्डर लेने के साथ साथ अपनी क्षमता भी बढ़ाई है. कंपनी ने खुद को भारी कर्ज़ से निकाला है और अब लगभग यह कर्ज़ मुक्त हो चुकी है.
सुज़लॉन एनर्जी के शेयर होल्डिंग पैटर्न को देखें तो प्रमोटर्स के पास 11.70% हिस्सेदारी है, जबकि एफआईआई के पास इसमें 23.0% हिस्सेदारी है. डीआईआई के पास सुज़लॉन में 10.2% हिस्सेदारी है.
Suzlon Energy Ltd के शेयर प्राइस में सोमवार को कोई खास हलचल तो नहीं हुई लेकिन वह 61 रुपए के करीब डे हाई पर जाने के बाद 59.90 रुपए के लेवल पर बंद हुआ. कंपनी का मार्केट कैप 81.87 हज़ार करोड़ रुपए है. पिछले एक साल में स्टॉक 84.99 रुपए के लेवल से 27% गिरकर कारोबार कर रहा है.
सुज़लॉन फिलहाल रेंज बाउंड स्टॉकसुज़लॉन एनर्जी के चार्ट पर फिलहाल कोई बड़ी मूवमेंट नहीं है, बल्कि स्टॉक 56 रुपए से 62 रुपए की रेंज में कई दिनों से घूम रहा है. नीचे की ओर 52 रुपए तक स्टॉक में स्ट्रांग सपोर्ट है.अब तक इस लेवल तक स्टॉक में बाइंग आई है. ऊपरी लेवल देखें तो 62 रुपए के पास क्लोज़िंग देने पर इसमें अपसाइड मूवमेंट आ सकती है.
अगर सुज़लॉन ने 62 रुपए का लवल अपसाइड ब्रेक किया तो फिर उसमें 70 रुपए तक के टारगेट देखे जा सकते हैं. हालांकि इसमें समय भी लग सकता है.
सुज़लॉन क्यों विशेष है?सुजलॉन रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में विशेष कंपनी इसलिए है क्योंकि यह वर्टिकली इंटीग्रेटेड मॉडल अपनाती है, जिसमें डिजाइन से मेंटेनेंस तक सब कुछ इन-हाउस होता है. कंपनी में बाहरी डिपेंडेंसी बहुत कम है.
यह भारत की नंबर 1 विंड एनर्जी कंपनी है, जो 32% मार्केट शेयर रखती है. इसकी मौजूदगी 17 देशों में में है और इसके पास 14 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं. कंपनी मे पिछले दिनों नए ऑर्डर लेने के साथ साथ अपनी क्षमता भी बढ़ाई है. कंपनी ने खुद को भारी कर्ज़ से निकाला है और अब लगभग यह कर्ज़ मुक्त हो चुकी है.
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