ज्यादातर लोगों का सपना केवल एक अच्छी नौकरी पाने का होता है. नौकरी मिलने के बाद लोग इसे ही अपनी जिंदगी की सफलता समझ लेते हैं. ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं जो नौकरी के बजाय खुद के काम को प्राथमिकता देते हैं और कारोबार शुरु करने का फैसला लेते हैं. वहीं जिन लोगों की नौकरी लग जाती है, उन लोगों के लिए नौकरी छोड़कर कारोबार शुरू करने का फैसला लेना काफी मुश्किल हो जाता है. आज हम आपको आंध्र प्रदेश के एक ऐसे ही कपल के बारे में बताएंगे, जिन्होनें आईटी सेक्टर में अपनी नौकरी को छोड़कर खेती करने का फैसला लिया. हम बात कर रहे हैं के. मणिकंता और नागा वेंकट दुर्गा पावनी की. आइए जानते हैं.
इंफोसिस में करते थे कामके. मणिकंता और उनकी पत्नी नागा वेंकट दुर्गा पावनी दोनों ही आईटी सेक्टर में एक अच्छी नौकरी करते थे. के. मणिकंता इंफोसिस में नौकरी करते थे. वहीं पावनी एक्सेंचर में नौकरी करती थी लेकिन इस कपल का कुछ और ही करने का इरादा था. ऐसे में दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ने खेती करने का फैसला लिया.
मणिकंता का मानना था कि आईटी सेक्टर में अच्छी सैलरी पाने के बावजूद भी लोग बीमार रहते हैं. वहीं लोगों की जीवनशैली भी काफी खराब है. ऐसे में दोनों ने लोगों की सेहत को सुधारने के बारे में सोचा और श्रेष्ठ नाम से ऑर्गेनिक स्टोर खोलने का फैसला लिया. कपल ने देखा कि लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की जरूरत है. वहीं ऑर्गेनिक किसान अपनी फसल को बेचने के लिए परेशान रहते हैं. ऐसे में कपल ने ऑर्गेनिक खेती से लोगों की सेहत को सुधारने का फैसला लिया.
खेती करने के लिए ली ट्रेनिंगकपल को खेती करने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में उन्होंने सुभाष पालेकर नेचुरल फार्मिंग मेथड में ट्रेनिंग ली और बिना केमिकल के ऑर्गेनिक खेती करना सीखा. शुरुआत में मणिकंता ने नौकरी करने के साथ साथ ही ट्रेनिंग ली लेकिन बाद में उन्होंने खेती करने के लिए अपनी नौकरी को छोड़ दिया.
17 लाख का निवेशसाल 2017 में मणिकंता ने अपनी पत्नी के साथ 17 लाख रुपये का निवेश किया और श्रेष्ठ नाम से स्टोर खोला. कपल ने आम, बाजरे का आटा, तूर दाल और हेल्थ मिक्स पाउडर जैसे कई ऑर्गेनिक और हेल्दी प्रोडक्ट्स बनाए, जो बहुत जल्द लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए. कपल ने ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के साथ काम किया और उनकी फसल का काफी अच्छा दाम दिया. इससे किसानों को भी काफी लाभ हुआ.
90 लाख रुपये का टर्नओवरआज श्रेष्ठ के प्रोडक्ट्स काफी लोकप्रिय है. अपने इस कारोबार से कपल हर महीने 7.5 लाख रुपये तक की कमाई कर रहा है. वहीं श्रेष्ठ का टर्नओवर आज 90 लाख रुपये तक पहुंच गया है.
इंफोसिस में करते थे कामके. मणिकंता और उनकी पत्नी नागा वेंकट दुर्गा पावनी दोनों ही आईटी सेक्टर में एक अच्छी नौकरी करते थे. के. मणिकंता इंफोसिस में नौकरी करते थे. वहीं पावनी एक्सेंचर में नौकरी करती थी लेकिन इस कपल का कुछ और ही करने का इरादा था. ऐसे में दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ने खेती करने का फैसला लिया.
मणिकंता का मानना था कि आईटी सेक्टर में अच्छी सैलरी पाने के बावजूद भी लोग बीमार रहते हैं. वहीं लोगों की जीवनशैली भी काफी खराब है. ऐसे में दोनों ने लोगों की सेहत को सुधारने के बारे में सोचा और श्रेष्ठ नाम से ऑर्गेनिक स्टोर खोलने का फैसला लिया. कपल ने देखा कि लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की जरूरत है. वहीं ऑर्गेनिक किसान अपनी फसल को बेचने के लिए परेशान रहते हैं. ऐसे में कपल ने ऑर्गेनिक खेती से लोगों की सेहत को सुधारने का फैसला लिया.
खेती करने के लिए ली ट्रेनिंगकपल को खेती करने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. ऐसे में उन्होंने सुभाष पालेकर नेचुरल फार्मिंग मेथड में ट्रेनिंग ली और बिना केमिकल के ऑर्गेनिक खेती करना सीखा. शुरुआत में मणिकंता ने नौकरी करने के साथ साथ ही ट्रेनिंग ली लेकिन बाद में उन्होंने खेती करने के लिए अपनी नौकरी को छोड़ दिया.
17 लाख का निवेशसाल 2017 में मणिकंता ने अपनी पत्नी के साथ 17 लाख रुपये का निवेश किया और श्रेष्ठ नाम से स्टोर खोला. कपल ने आम, बाजरे का आटा, तूर दाल और हेल्थ मिक्स पाउडर जैसे कई ऑर्गेनिक और हेल्दी प्रोडक्ट्स बनाए, जो बहुत जल्द लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए. कपल ने ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के साथ काम किया और उनकी फसल का काफी अच्छा दाम दिया. इससे किसानों को भी काफी लाभ हुआ.
90 लाख रुपये का टर्नओवरआज श्रेष्ठ के प्रोडक्ट्स काफी लोकप्रिय है. अपने इस कारोबार से कपल हर महीने 7.5 लाख रुपये तक की कमाई कर रहा है. वहीं श्रेष्ठ का टर्नओवर आज 90 लाख रुपये तक पहुंच गया है.
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