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ऑनलाइन गेमिंग बिल पर बोले अनुपम मित्तल, क्या लोगों को शराबी बनने से रोकने के लिए शराब पर लगा सकते हैं बैन?

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केंद्र सरकार ने हाल ही में लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल पेश किया है, जिससे युवाओं को बच्चों को सट्टेबाजी से बचाया जा सकें. इस बिल के अंदर ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिए हो रहे मनी ट्रांजैक्शन को बैन करना शामिल है. दरअसल, इन ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स के जरिए युवाओं को काफी लत लग रही है, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान के साथ साथ मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल पेश किया है लेकिन अब इस बिल के ऊपर तंज कसते हुए शार्क टैंक इंडिया के जज और शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने कुछ ऐसी बातें कहीं है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई हैं. आइए जानते हैं.



ऑनलाइन गेमिंग बिल पर बोले अनुपम मित्तलअनुपम मित्तल ने अपने लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए ऑनलाइन गेमिंग बिल पर बात की और लिखा कि हमने गुटखा बैन कर दिया लेकिन क्या लोगों ने इसे चबाना बंद कर दिया. अपने पोस्ट में अनुपम मित्तल ने ऑनलाइन गेमिंग बिल की आलोचना कि और आगे लिखा कि भारत ने रियल मनी गेमिंग को बंद कर दिया. ऐसे में भारत ने उस सेक्टर को बंद कर दिया हैं, जो सालाना 27000 करोड़ रुपये का जीएसटी देता है. 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का विज्ञापन राजस्व देता है और हजारों लोगों को उनकी स्किल्स के जरिए इनकम देता है.



अपने पोस्ट में आगे अनुपम मित्तल ने लिखा कि क्या हम शराब पर इसलिए प्रतिबंध लगाते हैं क्योंकि कुछ लोग शराबी बन जाते हैं? क्या हम शेयर ट्रेडिंग पर इसलिए प्रतिबंध लगाते हैं क्योंकि कुछ लोग अपनी बचत बर्बाद कर देते हैं? अनुपम मित्तल ने ऑनलाइन गेमिंग बिल से सरकार को होने वाले नुकसान के बारे में बताया और लिखा कि इससे सरकार के राजस्व को नुकसान होगा और करोड़ों का नुकसान होगा. हालांकि, अनुपम मित्तल ने गेमिंग ऐप्स के जरिए होने वाली हानि को भी वास्तविक माना लेकिन उन्होंने इसे पूरी तरह से बैन करने को सही फैसला नहीं माना.

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