रामायण की आदर्श नायिका माता सीता को जानकी, मैथिली और सिया जैसे नामों से जाना जाता है। उनकी तपस्या, धैर्य और समर्पण से जुड़ी सीता नवमी का पर्व भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। इस दिन माता सीता की पूजा करने से न केवल उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है, बल्कि भगवान श्रीराम की कृपा भी सहजता से प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस पावन तिथि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विशेष मंत्र।
सीता नवमी 2025 का शुभ मुहूर्तवैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 5 मई 2025 को सुबह 07:35 बजे से हो रही है, और इसका समापन 6 मई को सुबह 08:38 बजे होगा।
उदयातिथि को मान्यता मिलने के कारण यह पर्व 5 मई, सोमवार को मनाया जाएगा।
नवमी मध्याह्न मुहूर्त: सुबह 11:14 बजे से दोपहर 01:52 बजे तक
सीता नवमी की पूजा विधि– प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– पूजा स्थल को शुद्ध कर वहां एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं।
– श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
– माता सीता को पुष्प, अक्षत, सिंदूर और शृंगार सामग्री अर्पित करें।
– फल, मिठाई और घी का दीपक चढ़ाएं।
– विधिपूर्वक मंत्रों का जाप करें और आरती करें। माता सीता के प्रमुख मंत्र
1. ॐ सीतायै नमः
2. श्री जानकी रामाभ्यां नमः
3. मूल मंत्र: श्री सीतायै नमः
4. बीज मंत्र: ॐ श्री सीता रामाय नमः
5. गायत्री मंत्र:
ॐ जनकाय विद्महे राम प्रियाय धीमहि
तन्नो सीता प्रचोदयात्
इस दिन श्रद्धा और आस्था के साथ माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सौहार्द बढ़ता है, जीवन में स्थायित्व आता है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
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