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ट्रंप का भारत और पाकिस्तान के संघर्ष पर नया दावा, कहा- 'पांच लड़ाकू विमान मार गिराए गए थे'

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Anna Moneymaker/Getty शुक्रवार रात को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ डिनर के दौरान ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बयान दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को दावा करते हुए कहा कि मई महीने में भारत-पाकिस्तान के बीच चले संघर्ष में 'पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था.'

हालांकि, ट्रंप ने यह नहीं बताया कि किस देश के कितने लड़ाकू विमानों को नुक़सान पहुंचा. ट्रंप का यह बयान शुक्रवार रात व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ हुए डिनर के दौरान आया है.

इससे पहले पाकिस्तान भी भारत के 'पांच लड़ाकू विमान मार गिराने' का दावा कर चुका है. हालांकि, भारत ने इन दावों को हमेशा ख़ारिज किया है.

मई महीने के आख़िर में भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के लड़ाकू विमान गिराए जाने के सवालों पर जवाब दिया था. उन्होंने पाकिस्तान की ओर से विमानों को नुक़सान पहुंचने के दावे को सिरे से ख़ारिज कर दिया था.

इसके अलावा ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कराने के दावे भी करते रहे हैं.

ट्रंप ने यहां तक कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को व्यापार बंद करने की धमकी दी थी, उसके बाद दोनों देश संघर्षविराम के लिए तैयार हुए थे.

दरअसल, मई महीने की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के दौरान अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी.

अमेरिका ने इसी बातचीत को संघर्षविराम कराने के तौर पर पेश किया और ट्रंप ने ही संघर्षविराम की घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ पर की थी.

इसी महीने की शुरुआत में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि संघर्षविराम पूरी तरह से द्विपक्षीय था.

image BBC ट्रंप ने क्या कहा? image Francis Chung/Politico/Bloomberg via Getty ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने व्यापार के ज़रिए भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोका.

शुक्रवार रात को व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के सामने ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने कई युद्ध रोके हैं और ये सभी गंभीर युद्ध थे.

उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच भी यही हो रहा था. वहां विमानों को मार गिराया जा रहा था. मुझे लगता है कि असल में पांच जेट मार गिराए गए थे. ये दोनों परमाणु संपन्न देश हैं और एक-दूसरे पर हमला कर रहे थे."

"ऐसा लगता है यह एक नए तरीक़े का युद्ध है. आपने हाल ही में देखा कि हमने ईरान में क्या किया. हमने उनकी परमाणु क्षमता पूरी तरह से नष्ट कर दी."

अपने बयान में ट्रंप ने एक बार फिर व्यापार का भी ज़िक्र किया और कहा कि इसके ज़रिए हमने संघर्ष को रोका.

ट्रंप ने कहा, "भारत और पाकिस्तान इस पर (संघर्षविराम) काम कर रहे थे, लेकिन यह बड़ा होता जा रहा था और हमने इसे व्यापार के ज़रिए सुलझाया."

"हमने कहा- आप लोग (अमेरिका से) व्यापार समझौता करना चाहते हैं. अगर आप एक-दूसरे पर हमले और शायद परमाणु हथियार से हमले करेंगे तो हम व्यापार समझौता नहीं करेंगे."

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लड़ाकू विमान मार गिराने के दावों पर भारत का जवाब image Getty Images सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान की ओर से विमानों को नुक़सान पहुंचने के दावे को सिरे से ख़ारिज किया था.

मई महीने के आख़िर में भारत के चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भारत के लड़ाकू विमान गिराए जाने के सवालों पर जवाब दिया था.

साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की ओर से विमानों को नुक़सान पहुंचने के दावे को सिरे से ख़ारिज किया था.

ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में पत्रकार ने जनरल अनिल चौहान से सवाल किया कि पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने भारतीय वायुसेना के एक से अधिक विमान को गिराया था, क्या वह इसकी पुष्टि कर सकते हैं?

इसका जवाब देते हुए जनरल अनिल चौहान ने कहा, "ये ज़रूरी नहीं कि जेट गिराया गया, ज़रूरी ये बात है कि ऐसा क्यों हुआ."

इस पर पत्रकार ने उनसे एक बार फिर पूछा, "कम से कम एक जेट गिराया गया था, क्या ये सही है?"

जनरल अनिल चौहान ने इस पर कहा, "अच्छी बात ये है कि हम अपनी टैक्टिकल ग़लतियां जान पाए, हमने उसे सुधारा और फिर उसके दो दिन बाद उसे लागू किया. इसके बाद हमने अपने सभी जेट उड़ाए और लंबी दूरी के ठिकानों को निशाना बनाया."

पत्रकार ने एक बार फिर कहा, "पाकिस्तान का ये दावा है कि भारत के छह लड़ाकू विमानों को गिराने में वह कामयाब रहा था, क्या उसका ये आकलन सही है?"

इसके जवाब में जनरल अनिल चौहान ने कहा, "ये बिल्कुल ग़लत है. लेकिन जैसा मैंने कहा ये जानकारी बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है. जो महत्वपूर्ण है, वह यह है कि जेट क्यों गिरे और इसके बाद हमने क्या किया. ये हमारे लिए ज़्यादा ज़रूरी है."

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भारत ने संघर्षविराम कराने के दावों को किया था ख़ारिज image Getty Images एस जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ भारत के सभी मामले द्विपक्षीय हैं.

हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका में क्वॉड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने गए थे, जहां उन्होंने अमेरिकी पत्रिका 'न्यूज़वीक' को दिए इंटरव्यू में कहा कि संघर्षविराम पूरी तरह से द्विपक्षीय था.

इंटरव्यू के दौरान जयशंकर से पूछा गया, "राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की बातचीत के बाद भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है. लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार कहा है कि संघर्ष को रोकने के लिए व्यापार को एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया. क्या इससे व्यापार समझौते की बातचीत पर कोई असर पड़ा है?"

इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, "आपको बता सकता हूं कि मैं उस कमरे में मौजूद था, जब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई की रात प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी. उन्होंने कहा था कि अगर हमने कुछ चीज़ें नहीं मानीं, तो पाकिस्तान भारत पर एक बड़ा हमला कर सकता है. लेकिन प्रधानमंत्री पर पाकिस्तान की धमकियों का कोई असर नहीं हुआ. इसके उलट, उन्होंने साफ़ संकेत दिया कि भारत की तरफ़ से जवाब ज़रूर मिलेगा."

एस जयशंकर ने कहा कि कई सालों से एक राष्ट्रीय सहमति रही है कि पाकिस्तान के साथ हमारे सभी मामले आपसी यानी द्विपक्षीय हैं.

एस जयशंकर ने कहा, "ये बात उस रात की है और जैसा कि आप जानते हैं, उसी रात पाकिस्तान ने हम पर ज़ोरदार हमला किया था. हमने तुरंत जवाब दिया. अगली सुबह मार्को रुबियो ने मुझे कॉल करके बताया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए तैयार है. मैं आपको सिर्फ़ वही बता सकता हूं, जो मैंने ख़ुद अनुभव किया. बाक़ी आप समझ सकते हैं."

जून महीने में पीएम मोदी जी-7 सम्मेलन में शामिल होने के लिए कनाडा गए थे और वहीं से उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप से फ़ोन पर बात की थी.

इस बातचीत का ब्यौरा देते हुए भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप से स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम द्विपक्षीय था और किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप से नहीं हुआ है.

विक्रम मिसरी ने यह भी कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप से कहा था कि संघर्षविराम के लिए अमेरिका से ट्रेड को लेकर कोई बात नहीं हुई थी.

भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर अब तक क्या-क्या दावे हुए? image EPA/PTV पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान दावा किया था कि उसने पांच भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया था.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई मौक़ों पर यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम करवाया और दोनों देशों को परमाणु युद्ध की ओर बढ़ने से रोका.

उनके इस दावे का पाकिस्तान ने समर्थन किया था. संघर्षविराम के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा था, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं. वॉशिंगटन ने संघर्षविराम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है."

इसके अलावा पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान दावा किया था कि उसने पांच भारतीय लड़ाकू विमान मार गिराए हैं.

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ़ चौधरी ने कहा था, "अब तक, मैं आपको पुष्टि कर सकता हूं कि पांच भारतीय विमान - जिनमें तीन रफ़ाल, एक एसयू-30 और एक मिग-29 शामिल है - और एक हेरॉन ड्रोन भी मार गिराए गए हैं."

उस वक्त भारत ने इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी. हालांकि, बाद में भारत के तरफ़ से इन दावों को ख़ारिज किया गया.

इसके अलावा इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भारतीय दूतावास में तैनात डिफ़ेंस अताशे के बयान ने भी काफ़ी सुर्खियां बटोरी थीं.

जकार्ता में भारतीय दूतावास में तैनात नौसेना के अफ़सर कैप्टन शिव कुमार 10 जून को जकार्ता के एक विश्वविद्यालय के सेमिनार में शामिल हुए थे.

इस सेमिनार में अपनी प्रेज़ेंटेशन के दौरान भारत के डिफ़ेंस अताशे ने कथित तौर पर कहा था कि 'राजनीतिक नेतृत्व' के आदेश के कारण कुछ 'बाधाओं' के मद्देनज़र, भारतीय वायु सेना प्रारंभिक चरण के अभियान में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं कर सकी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, उन्होंने कहा कि 'हमने कुछ विमान खो दिए और ऐसा केवल इसलिए हुआ क्योंकि सैन्य प्रतिष्ठान या उनकी वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करने को लेकर राजनीतिक नेतृत्व की ओर से बाधाएं खड़ी की गई थीं.'

"लेकिन खोने के बाद हमने अपनी रणनीति को बदला और हम सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर गए. तो हमने सबसे पहले दुश्मन के एयर डिफ़ेंस का दमन और विनाश किया. इसी वजह से हम ज़मीन से ज़मीन पर हमला करने वाली मिसाइलों और ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल करके हमले कर सके."

डिफ़ेस अताशे के इस बयान के बाद भारतीय दूतावास ने कहा था, "हमने मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स देखी हैं जो एक सेमिनार में डिफ़ेंस अताशे के प्रेज़ेंटेशन से जुड़ी हैं. उनके बयान को असली संदर्भ से हटाकर दिखाया गया है और मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी बातों को ग़लत तरीक़े से पेश किया गया है."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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