कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कोलंबिया, ब्राज़ील, पेरू और चिली के दौरे पर हैं. इस दौरान कोलंबिया में दिए गए उनके भाषणों की ख़ासी चर्चा हो रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़कोलंबिया की एक यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी ने 'विकेंद्रीकरण' की अवधारणा समझाने के लिए कार और बाइक की तुलना की, जिस पर बीजेपी ने उन पर अनाप-शनाप तर्क देने का आरोप लगाया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ बीजेपी ने ये भी कहा कि राहुल गांधी 'भारत विरोधी ताक़तों के ध्वजवाहक' बन गए हैं. ऐसी ताक़तों के जो भारत विरोधी एजेंडा को बढ़ा रहे हैं. पार्टी ने कहा कि देश के लोगों को उनसे सावधान रहना चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ राहुल गांधीने कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स से बात करते हुए पूछा कि कार आमतौर पर इतनी भारी क्यों होती है और उसमें 3,000 किलो मेटल की ज़रूरत क्यों पड़ती है, जबकि मोटरसाइकिल तुलनात्मक तौर पर हल्की होती है.
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उन्होंने कहा, ''एक यात्री को ले जाने के लिए कार में 3,000 किलो मेटल की ज़रूरत क्यों होती है, जबकि 100 किलो वज़न वाली मोटरसाइकिल दो यात्रियों को ले जाती है? आख़िर क्यों मोटरसाइकिल केवल 150 किलो मेटल का इस्तेमाल करके दो लोगों को ले जा सकती है, और कार को इसके लिए 3,000 किलो मेटल चाहिए?''
अपने ही सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने दावा किया कि यह सवाल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर ट्रांज़िशन की बुनियाद है.
उन्होंने कहा कि वाहन के वज़न का जवाब उसके इंजन में छिपा है.
उन्होंने आगे कहा कि कार का इंजन टक्कर के दौरान चालक को मौत के घाट उतार देता है, जबकि मोटरसाइकिल हल्की होती है क्योंकि दुर्घटना के समय उसका इंजन सवार से अलग हो जाता है.
बीजेपी ने कसा तंज़वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल के इस भाषण की आलोचना करते हुए कहा, ''हार्ले-डेविडसन से लेकर टोयोटा तक और फॉक्सवैगन से लेकर फोर्ड तक, मैकेनिकल इंजीनियर राहुल गांधी के इस अद्भुत इंजीनियरिंग ज्ञान को सुनकर अपनी छाती पीट रहे होंगे. जिस किसी को भी उनके ज्ञान पर संदेह था, ये सुनने के बाद मिट गया होगा.''
सुधांशु त्रिवेदी ने कटाक्ष करते हुए कहा, "कांग्रेस में कई लोग हैं जो अपने विषयों के विशेषज्ञ हैं, जिनमें उनके (राहुल गांधी के) अंकल सैम पित्रोदा भी शामिल हैं, जो स्थायी रूप से विदेश में रहते हैं. उनकी इमेज इंटेलेक्चुअल की है. कांग्रेस में भी पी. चिदंबरम, अभिषेक सिंघवी, शशि थरूर, मनीष तिवारी और यहां तक कि जयराम रमेश जैसे कई विद्वान लोग हैं. मुझे अचरज होता है कि विदेशी यूनिवर्सिटी की ओर से राहुल गांधी को लेक्चर देने के लिए क्यों बुलाया जाता है."
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिख कर राहुल गांधी के इस भाषण पर लिखा, "मैंने एक बार में इतनी अनाप-शनाप बात नहीं सुनी थी. यदि कोई यह समझा सके कि राहुल गांधी क्या कहना चाहते हैं, तो मुझे ख़ुशी होगी. लेकिन यदि आप भी उतने ही चकित हैं जितना मैं हूं, तो निश्चिंत रहें, आप अकेले नहीं हैं.''
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कोलंबियाई यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "कांग्रेस में जो लोग जानते हुए भी कि पार्टी को ख़तरनाक विदेशी ताक़तों के चंगुल में जाने दे रहे हैं, वे देशद्रोह कर रहे हैं. मैं उन लोगों से अपील करता हूं जो इस बारे में अनजान हैं कि वे सजगता दिखाएं और ऐसे नेताओं को रोकें."
बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का नेतृत्व अब "बेहद अपरिपक्व" हो चुका है और राहुल गांधी विदेशी ताक़तों के हाथों का मोहरा बनते जा रहे हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "यदि कोई पार्टी सत्ता की लालसा या अन्य मजबूरियों के चलते विदेशी मूल के नेतृत्व को स्वीकार कर लेती है, तो क्या यह विदेशी नेतृत्व केवल उस पार्टी की भूल साबित होगी या पूरे देश की समस्या बन जाएगी?"
राहुल गांधी बोले, 'देश के लोकतंत्र पर हमला हो रहा है'
कोलंबिया के मेडेलिन शहर स्थित ईआईए विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में राहुल गांधी ने कहा था कि भारत में इस समय लोकतांत्रिक व्यवस्था पर "हमला" हो रहा है, जो देश के सामने सबसे बड़ा ख़तरा है.
उन्होंने कहा कि अलग-अलग परंपराओं को पनपने देना ज़रूरी है और यह भी जोड़ा कि भारत चीन की तरह "तानाशाही व्यवस्था" नहीं अपना सकता.
कांग्रेस ने क्या जवाब दिया?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस ने बीजेपी के इस आरोप का जवाब दिया है कि राहुल गांधी विदेशी धरती पर देश की छवि को नुक़सान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विदेश यात्राओं की आलोचना करते रहे हैं.
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने एएनआई से कहा कि उन्होंने राहुल गांधी के कोलंबिया की एक यूनिवर्सिटी के भाषण के बारे में कहा कि वो विदेश में देश की छवि को नुक़सान नहीं पहुंचा रहे हैं. राहुल हमेशा देश के बारे में सकारात्मक तौर पर बोलते हैं. लेकिन लोकतंत्र के बारे में वो जो बोल रहे हैं वो बिल्कुल सही है.
राजीव शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी उन्हीं मुद्दों को उजागर कर रहे हैं जिनका सामना आज देश कर रहा है. उन्होंने बीजेपी की इस बात की आलोचना की कि वो हर किसी को 'देश विरोधी' करार देता है.
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यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विदेश में रहकर सत्तारूढ़ दल पर हमला बोला हो.
पिछले कुछ वर्षों में राहुल गांधी कई बार विदेशी मंचों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की आलोचना कर चुके हैं, जिसके चलते उन्हें सरकार की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं झेलनी पड़ी हैं.
2024 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में दिए एक भाषण में, राहुल गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं. इसके जवाब में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने उन पर "झूठ बोलने और भारत की छवि ख़राब करने की आदत" होने का आरोप लगाया था.
मई 2022 में लंदन के एक कार्यक्रम में, राहुल गांधी ने कहा था कि "भारत की आत्मा पर हमला हो रहा है" और आरोप लगाया था कि सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. उन्होंने भारत की स्थिति की तुलना पाकिस्तान से करते हुए कहा था कि "डीप स्टेट भारतीय व्यवस्था को भीतर से खा रहा है."
साल 2018 में मलेशिया में,राहुल गांधी ने नोटबंदी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा था कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो "नोटबंदी के प्रस्ताव को कूड़ेदान में फेंक देते."
, उन्होंने कहा था कि "अहिंसा की विचारधारा पर हमला हो रहा है" और आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार केवल देश की शीर्ष 100 कंपनियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
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