पंजाब के तीन युवक पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के लिए घर से निकले थे. लेकिन अब वे अपने परिवारों से संपर्क में नहीं हैं. संगरूर, होशियारपुर और नवांशहर के रहने वाले इन युवकों के परिवारों का आरोप है कि ईरान में उनका अपहरण कर लिया गया है.
इस बीच, ईरान स्थित ने कहा, "तीन भारतीय नागरिकों के परिवारों ने भारतीय दूतावास को सूचित किया है कि ईरान पहुँचे उनके रिश्तेदार लापता हो गए हैं."
"दूतावास ने ईरानी अधिकारियों के सामने इस मामले को जोरदार तरीके से उठाया है. हमने अनुरोध किया है कि लापता भारतीयों का तुरंत पता लगाया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. हम दूतावास के प्रयासों के बारे में परिवार के सदस्यों को नियमित रूप से जानकारी दे रहे हैं."
बीबीसी पंजाबी ने होशियारपुर के अमृतपाल, संगरूर के हुसनप्रीत और नवांशहर के जसपाल सिंह के परिवार वालों से बातचीत कर सारा मामला समझने की कोशिश की.
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अमृतपाल सिंह: होशियारपुर
बीबीसी संवाददाता प्रदीप शर्मा के अनुसार, होशियारपुर के भागोवाल गांव के 23 वर्षीय अमृतपाल पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के लिए घर से निकले थे, लेकिन वहां नहीं पहुंच सके.
अमृतपाल की मां गुरदीप कौर का कहना है कि एजेंट ने उन्हें पांच साल के आस्ट्रेलियाई वर्क परमिट के बारे में बताया था.
उन्होंने कहा, "एजेंट से हमारी 18 लाख रुपये में बात हुई थी और उसके बाद एजेंट ने कहा कि वीज़ा आ गया है, आप पैसों का इंतजाम कर लीजिए. पहले हमें बताया गया कि 26 अप्रैल की टिकट है. पर जब हम एजेंट के पास पहुँचे तो उसने कहा कि अभी पेपर नहीं आए हैं. इसके बाद बताया कि टिकट रद्द हो गया है और अब 29 तारीख का टिकट है."
इसके बाद एजेंट ने परिवार को बताया कि 29 अप्रैल का टिकट भी रद्द हो गया है और अब ऑस्ट्रेलिया के लिए कोई सीधी उड़ान नहीं मिल सकती, इसलिए ईरान में रुकना पड़ेगा.
गुरदीप कौर ने बताया, "लड़कों ने ईरान पहुँचकर बताया गया कि उन्हें हवाई अड्डे से लेने के लिए एक टैक्सी आ रही है."
गुरदीप कौर का कहना है कि इसके बाद वो लोग होटल नहीं पहुंचे थे.
उनका कहना है कि अब एजेंट भी भाग गए हैं. उनके घरों पर भी ताले लगे हैं. एक महिला समेत तीन एजेंट थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा किया था.
गुरदीप कौर ने कहा कि उन्होंने इस बारे में शिकायत दर्ज करवाई है.
उन्होंने बताया, "वो लोग बच्चों को ज़ख़्मी करने के बाद वीडियो कॉल करते थे. जब हमने उनसे पूछा कि पैसे कितने भेजने हैं तो उन्होंने हमें एक खाता नंबर भेजा. जब चेक किया तो पता चला कि ये खाता पाकिस्तान का है."
पहले परिवार से दो करोड़ रुपये मांगे गए. बाद में कहा कि प्रति व्यक्ति 18 लाख के हिसाब से 54 लाख देने पड़ेंगे.
गुरदीप कौर कहती हैं, "हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारे बच्चे जल्द से जल्द घर लाए जाएं."
अमृतपाल सिंह के मामा गुरदेव सिंह का कहना है कि परिवार की हालत बहुत ख़राब है क्योंकि 10-12 दिन हो गए लेकिन केस में कोई प्रगति नहीं हुई है.
उनका कहना है कि अग़वा करने वाले पहले तीनों लड़कों के घर एक ही नंबर से फ़ोन करते थे.
अमृतपाल सिंह ने बताया, "पहले वे करोड़ों रुपये मांगते थे और अब वे कह रहे हैं कि हर लड़के के लिए 18 लाख दे दो. पहले हमने एजेंट को 18 लाख रुपये दिए, अब हम उन्हें कहां से देंगे? पुलिस में शिकायत किए हुए भी 10-12 दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है."

पंजाब के धुरी के नगर निगम पार्षद भूपिंदर सिंह ने बताया कि उनके मोहल्ले का लड़का हुसनप्रीत सिंह एक महीने पहले ऑस्ट्रेलिया के लिए निकला था, लेकिन अब परिवार को सूचना मिली है कि वह ईरान में फंसा हुआ है.
बीबीसी संवाददाता चरणजीव कौशल से बातचीत में भूपिदंर सिंह ने सरकार और प्रशासन से लड़के को तुरंत भारत लाने की अपील की है.
हुसनप्रीत का घर बंद है. उसके परिजन अपने रिश्तेदारों के पास चले गए हैं.
जसपाल सिंह: नवांशहरतीसरा लड़का नवांशहर से जसपाल सिंह है.
बीबीसी संवाददाता प्रदीप शर्मा को नवांशहर निवासी जसपाल सिंह की मां नरिंदर कौर ने बताया कि उनका बेटा एक मई को तेहरान हवाई अड्डे पर पहुंचा था.
नरिंदर कौर ने बताया, "मुझे जसपाल का फ़ोन आया. उसने कहा, 'माँ, मैं सुरक्षित पहुँच गया हूँ.'"
इसके बाद परिवार को एजेंट का फ़ोन आया और उसने एक लाख रुपये जमा करने को कहा.
नरिंदर कौर ने बताया, "हमें दोपहर करीब साढ़े तीन बजे लड़के का फ़ोन आया और उसने बताया कि उसका अपहरण हो गया है. लड़के ने बताया कि हमें सुबह तक 18 लाख रुपये जुटाने हैं."
इसके बाद परिवार एजेंट के पास गया. एजेंट ने परिवार को बताया, "मुझे ईरान का टिकट दिलवा दो, मैं तुम्हारे लड़के को वहां से ले आऊंगा."
एजेंट इसके बाद परिवार को झांसा देकर ग़ायब हो गया.
उसके बाद अग़वा करने वालों ने लड़कों के साथ मारपीट शुरू कर दी है और परिवार वालों को वीडियो कॉल करने लगे.
नरिंदर कौर ने बताया, "वह हमसे पैसे मांगने लगे लेकिन हमने उन्हें एक भी पैसा नहीं दिया."
बीते 14 दिनों से परिवार की जसपाल से बात नहीं हुई है.

होशियारपुर के एसएचओ गुरसाहिब सिंह ने बताया कि, "हमें शिकायत मिली थी कि अमृतपाल सिंह नाम के एक युवक ने ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए हमारे थाने के एरिया एजेंट को पैसे दिए थे और जब वह ईरान पहुंचा तो उसके परिवार के अनुसार, उसका अपहरण कर लिया गया."
"परिवार के अनुसार, तीनों लड़कों से 54 लाख रुपए की फिरौती मांगी जा रही है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और एजेंटों को पकड़ने की कोशिश जारी है."
बीबीसी की पड़ताल में ईरान के गिरोहों के बारे में पता चला थादो साल पहले बीबीसी ने एक में पाया था कि अफ़ग़ान नागरिकों का अपहरण करने वाले गिरोह फिरौती के लिए टॉर्चर वाले वीडियो उनके परिजन को भेजते हैं.
बीबीसी की एक पड़ताल में पाया गया कि ये गिरोह बंधकों के परिजनों को टॉर्चर का वीडियो भेजकर फिरौती वसूलते हैं.
इस पड़ताल में तालिबान से बचकर यूरोप जाने वाले अफ़ग़ान लोगों के साथ कई मामले पता चले.
ये लोग यूरोप में प्रवेश पाने के लिए ईरान-तुर्की की सीमा पार करते हैं. इन घटनाओं के भुक्तभोगी कई परिवारों ने इस बारे में बीबीसी को आपबीती बताई थी.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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