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एप्पल की आईफ़ोन-16 सिरीज़ लॉन्च, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस पर कंपनी ने जताया भरोसा

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Apple Newsroom आईफ़ोन-16 लॉन्च

घटते कारोबार के चलते दबाव का सामना कर रही एप्पल ने आईफ़ोन-16 सिरीज़ को लॉन्च किया है. एप्पल अपने इस फ़ोन में क्या कुछ एड करने वाली है, इसको लेकर उपभोक्ताओं में चर्चा थी.

9 सितंबर को अमेरिका के क्यूपर्टिनो, कैलिफोर्निया स्थित एप्पल पार्क में कंपनी ने अपने सालाना इवेंट में एप्पल वॉच सिरीज़-10, एयरपॉड्स-4, एप्पल वॉच अल्ट्रा-2, एयरपॉड्स मैक्स को लॉन्च करने के बाद आईफ़ोन-16 सिरीज़ से पर्दा उठाया.

इस फ़ोन में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है जबकि हैंडसेट से बाहर कैमरा बटन है.

तीन ट्रिलियन डॉलर नेटवर्थ की कंपनी इन दिनों आर्टिफ़िशयल इंटेलिजेंस के मामले में पिछड़ती दिख रही है.

यही वजह है कि एप्पल उत्पादों की बिक्री में सबसे ज़्यादा यानी क़रीब आधी हिस्सेदारी आईफ़ोन की बिक्री की है. लेकिन पिछले कुछ महीनों से इस फ़ोन की बिक्री बढ़ नहीं रही है.

पिछले साल की तुलना में इस साल 29 जून को समाप्त हुए नौ महीनों के समयावधि के दौरान आईफ़ोन की बिक्री एक फ़ीसद कम हुई है.

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इस सिरीज़ में कुल चार मॉडल लॉन्च किए गए हैं: आईफ़ोन 16, आईफ़ोन 16 प्लस, आईफ़ोन 16 प्रो, आईफ़ोन 16 प्रो मैक्स.

भारत में ये सभी मॉडल 13 सितंबर से प्री-ऑर्डर किए जा सकते हैं और 20 सितंबर से ये देश में उपलब्ध होंगे. आईफ़ोन-16 की क़ीमत 79,900 रुपए और आईफ़ोन-16 प्लस की क़ीमत 89,900 रुपये हैं. वहीं आईफ़ोन-16 प्रो की क़ीमत 1,19,900 रुपए तो आईफ़ोन-16 प्रो मैक्स की क़ीमत 1,44,900 रुपये है.

image BBC आईफोन-16 में क्या है ख़ास?

एप्पल की ओर दावा किया गया है कि नए फ़ोन में बैटरी ज़्यादा समय तक चार्ज रहेगी. साथ ही फ़ोन में कहीं ज़्यादा और बेहतर चिप का इस्तेमाल किया गया है.

एप्पल कंपनी के चीफ़ एग्ज़ेक्यूटिव टिम कुक ने इवेंट में कहा, ''हम एप्पल इंटेलिजेंस और इसकी बेहतरीन क्षमताओं के साथ नए डिजाइन में आईफ़ोन पेश कर रहे है.''

टिम ने कहा, ''जून में हमने एप्पल इंटेलिजेंस को लॉन्च किया था. हमारा शक्तिशाली नया पर्सनल इंटेलिजेंस सिस्टम कई मामलों में बिल्कुल अलग है.''

कंपनी का कहना है कि इस नए एआई सपोर्ट से टेक्स्ट, पिक्चर और वीडियो में सपोर्ट मिल सकेगा. इसके अलावा प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही Siri पहले से अधिक कारगर साबित हो सकेगा.

हालांकि आईफ़ोन को एआई फ़ीचर वाली दूसरे फ़ोन से तगड़ी चुनौती मिल रही है.

नई सिरीज़ में कैमरा एक्शन कंट्रोल के लिए साइड पैनल में एक बटन है. कुछ महीनों के बाद से एप्पल इंटेलिजेंस के शुरू होते ही, कैमरा कंट्रोल के ज़रिए विजुअल इंटेलिजेंस भी यूज़र्स को मिलेगा.

हालांकि ये इंटेलिजेंस फीचर, ऑपरेटिंग सिस्टम पर अक्टूबर तक उपलब्ध नहीं हो पाएगा. दुनिया के दूसरे देशों में इसके और देरी से पहुंचने की आशंका है.

इस लॉन्च इवेंट के दौरान एप्पल कंपनी के शेयरों के दाम में गिरावट दर्ज की गई.

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ

मार्केट रिसर्च फ़र्म सीसीएस इनसाइट के चीफ़ एनालिस्ट बेन वुड ने कहा कि फ़ोन के नए कैमरा कंट्रोल से शायद ही लोगों को आकर्षित करे. लेकिन उन्होंने माना है कि दूसरे तरह के अपग्रेड के चलते यह फ़ोन ग्राहकों को आकर्षित करेगा.

उन्होने कहा, "एप्पल के भरोसेमंद उपभोक्ताओं को इंटेलिजेंस और कैमरा फ़ीचर पसंद आ सकता है. इसमें सबसे बड़ी बात यही है कि उपभोक्ताओं को इंटेलिजेंस फ़ीचर अगले कुछ सालों तक कोई अलग से भुगतान नहीं करना होगा."

एप्पल, सैमसंग और गूगल की तुलना में आर्टिफ़िशयल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल से फ़ोटो एडिटिंग, अन्य भाषाओं में अनुवाद करने और वेब ब्राउजिंग के लिहाज से पिछड़ रहा था. दूसरी कंपनियां फोल्डिंग, फिलिपिंग और ट्राई-फोल्डिंग जैसे फ़ोन पेश कर रहे हैं.

टेक कंसलटेंसी ग्रार्टनर के एनालिस्ट अनेत्ते ज़िमरमान कहती हैं कि एप्पल ने अपने प्रतिद्वंदी कंपनियों की तुलना में देरी से आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वाले फ़ोन बाज़ार में उतारा है, इसलिए ये उपभोक्ताओं को क्या पेश कर रहे हैं, यह बेहद महत्वपूर्ण होगा.

अनेत्ते ने आशंका जताई है कि तैयार होने से पहले फ़ीचर की घोषणा से कंपनी की साख को नुकसान हो सकता है, बिक्री में कमी हो सकती है.

image Getty Images एप्पल ने पहला स्मार्ट फ़ोन 2007 में लॉन्च किया था आईफ़ोन के अलावा कौन से नए डिवाइस हुए लॉन्च

एप्पल वॉच सिरीज़ 10 को भी इसी के साथ लॉन्च किया है. कंपनी का कहना है कि किसी भी दूसरे एप्पल वॉच से पतली है और पहले से ज़्यादा कारगर है.

इसे ख़ासतौर पर आउटडोर एक्टिविटी और हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

कंपनी ने एप्पल वॉच अल्ट्रा-2 को भी लॉन्च किया है, ये भी भारत में 20 सितंबर से उपलब्ध है.

इसके अलावा एप्पल ने एयरपॉड्स-4 और एयरपॉड्स मैक्स दो भी लॉन्च किए हैं. कंपनी का दावा है कि एयरपॉड्स से आने वाली आवाज़, उपभोक्ताओं के किसी दूसरे से बातचीत करने पर अपने आप कम हो जाएगी. इतना ही नहीं, सिर को इनकार में हिलाने से फ़ोन अपने कट जाएगा.

इसके अलावा प्रो वर्जन वाले एयर पॉड्स से सुनने की कम क्षमता लोगों को भी राहत मिलने का दावा किया जा रहा है. कंपनी को उम्मीद है कि उसे नियामकों से इसके इस्तेमाल की अनुमति मिल जाएगी और इस साल की सर्दियों से यह उत्पाद दुनिया के सौ देशों में उपलब्ध होगा.

जब ये उत्पाद लॉन्च किए जा रहे थे, उसी वक्त प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन भी किया. ये प्रदर्शनकारी कंपनी के एप स्टोर पर मौजूद बच्चों के लिए ख़तरनाक कंटेंट से सुरक्षा के मांग कर रहे थे.

पहले आईफोन की क़ीमत कितनी थी?

साल 2007 में सैन फ्रांसिस्को में हुए सालाना मैकवर्ल्ड एक्सपो में एप्पल के मालिक स्टीव जॉब्स ने जब पहला आईफ़ोन लॉन्च किया, तब उसकी बड़ी हँसी उड़ाई गई.

हालांकि, वर्तमान में यह कंपनी दुनिया की सबसे अमीर कंपनियों में शामिल हो चुकी है और आईफ़ोन यूज़र्स की संख्या लगातार बढ़ रही है.

एप्पल के पहले आईफ़ोन में टचस्क्रीन, वाइडस्क्रीन आईपॉड, मोबाइल फोन और इंटरनेट ब्राउज़र जैसे फीचर शामिल थे.

सीएनएन के मुताबिक़ लॉन्चिंग के समय स्टीव जॉब्स ने कहा था, "मैं इस दिन का इंतज़ार पिछले ढाई सालों से कर रहा था."

पहले आईफोन की क़ीमत 399 अमेरिकी डॉलर (उस वक़्त के क़रीब 16500 रुपये) रखी गई.

इस आईफोन में 16 जीबी मेमरी, 3.5 इंच की टचस्क्रीन और 2 मेगापिक्सल का कैमरा जैसे फ़ीचर्स शामिल थे.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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