राजस्थान अब देश में सौर ऊर्जा (सोलर पैनल) के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ता राज्य बनकर उभरा है। मकानों और बिल्डिंगों पर सोलर पैनल लगाकर घरों में बिजली के माध्यम से रोशनी देने के मामले में राजस्थान देश में चौथे स्थान पर है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) के तहत हासिल की गई है, जो राज्य में ऊर्जा सुरक्षा और हरित विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक प्रदेश में 88,000 से अधिक घरों पर सोलर पैनल स्थापित किए जा चुके हैं। इन पैनलों की मदद से कुल 358 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता प्राप्त हुई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करना है, जिससे बिजली की लागत कम हो और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े।
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत लाभार्थियों को सौर पैनल लगाने पर आंशिक सब्सिडी और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। इसके चलते गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार भी अब अपनी जरूरत की बिजली स्वयं उत्पादन कर सकते हैं। इससे न केवल बिजली का बिल कम होता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।
राजस्थान में सोलर पैनलों की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे मुख्य कारणों में बिजली की अनियमितता, उच्च तापमान और ग्रामीण इलाकों में बिजली की पहुंच में कठिनाई शामिल है। सोलर पैनलों की मदद से रात में भी घरों में रोशनी बनी रहती है और ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई, छोटे व्यवसाय और घरेलू कार्य सुचारू रूप से हो सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान का यह प्रदर्शन देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल पेश करता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने केवल पैनल लगाने तक ही सीमित नहीं रहकर ट्रेनिंग और मेंटेनेंस सुविधा भी उपलब्ध कराई है, ताकि पैनलों की कार्यक्षमता लंबे समय तक बनी रहे।
राज्य सरकार ने इस योजना को और तेज करने के लिए आगामी वर्षों में सौर ऊर्जा की और अधिक उत्पादन क्षमता बढ़ाने, सोलर वाटर पंप और सोलर स्ट्रीट लाइटिंग जैसी परियोजनाओं पर भी जोर देने की योजना बनाई है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की कमी दूर होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रदेश में अब तक स्थापित सोलर पैनलों से न केवल बिजली उत्पादन हुआ है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है। इससे राज्य हरित और सतत विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले पांच वर्षों में राजस्थान में दो लाख से अधिक घरों पर सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राज्य देश में शीर्ष तीन सौर ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो सके।
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