सवाईमाधोपुर जिले के प्रसिद्ध रणथंभौर दुर्ग स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर में एक सप्ताह बाद रविवार से श्रद्धालुओं का प्रवेश फिर से शुरू हो गया है। पिछले कई दिनों से वन विभाग ने सुरक्षा कारणों से यहां लोगों की आवाजाही बंद कर रखी थी। बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 29 जून को रणथंभौर दुर्ग क्षेत्र में बाघिन रिद्धि और उसके दो शावकों को देखा गया था। बाघिन के साथ शावकों की आवाजाही की पुष्टि होने के बाद विभाग ने एहतियात के तौर पर किला परिसर में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। इस दौरान वन विभाग की टीम लगातार बाघिन और शावकों पर नजर रख रही थी।
किला क्षेत्र में घूमते रहे शावक
गुरुवार तक बाघिन और उसके शावक किला क्षेत्र में घूमते रहे। शुक्रवार को उनके मूवमेंट की कोई खबर नहीं थी, लेकिन शनिवार को तेज बारिश के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे प्रवेश फिर से नहीं खोला जा सका। रविवार को मौसम साफ होते ही वन विभाग ने फिर से श्रद्धालुओं को दुर्ग में आने की अनुमति दे दी।
बाघ की आवाजाही के कारण श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक
हालांकि, रणथंभौर किले की सुरक्षा दीवार कई जगहों पर टूटी हुई है। इस कारण बाघ और शावक आसानी से किले में प्रवेश कर जाते हैं। लगातार बाघ की आवाजाही के कारण बार-बार श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगानी पड़ती है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर उनका धार्मिक स्थल है और हर साल हजारों लोग दर्शन करने आते हैं। लेकिन दीवार की मरम्मत न होने के कारण वे अक्सर दर्शन से वंचित रह जाते हैं। लोग चाहते हैं कि पुरातत्व विभाग जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत कराए, ताकि बाघ की आवाजाही रोकी जा सके और श्रद्धालु सुरक्षित रूप से दर्शन कर सकें।
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