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अलवर सरिस्का में दिखा दुर्लभ नजारा! करणी सागर पर एक साथ पहुंचे मोर और टाइग्रेस, 10 दिन में 6 बार दिखा बाघ मॉनिटरिंग तेज

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सरिस्का के सदर रेंज में बाघिन एसटी 9 और उसके पास खड़े 15 से अधिक मोरों के अद्भुत नजारे ने पर्यटकों को रोमांचित कर दिया। जब तक बाघिन पानी की टंकी से पानी पीती रही, मोर टंकी के बाहर इंतजार करते रहे। न तो बाघिन ने मोरों की तरफ देखा और न ही मोर जरा भी डरे। ऐसा कम ही देखने को मिलता है।

वहीं अलवर शहर के पास बफर जोन में करणी माता मंदिर के पास करणी सागर के पास 10 दिन में 6 से अधिक बार बाघिन एसटी 2302 देखी जा चुकी है। सदर रेंज में बाघिन एसटी 9 राष्ट्रीय पक्षी मोर से घिरी नजर आई। चारों तरफ मोर ही मोर हैं और बाघिन अपनी मस्ती में पहले टंकी से पानी पीती है और फिर उसमें डुबकी लगाती है। बाघिन करीब दो मिनट तक टंकी में बैठी रहती है। तब तक मोर टंकी के किनारे खड़े होकर इंतजार करते नजर आते हैं। ऐसा लग रहा है जैसे मोर पानी पीने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हों।

दूसरी ओर अलवर शहर के निकट बफर एरिया में करणी माता मंदिर के पास करणी सागर के पास बाघिन एसटी 2302 की जबरदस्त साइटिंग हुई है। यहां पिछले 10 दिनों में एक ही स्थान पर 6 बार बाघिन देखी गई है। जिसके चलते बफर एरिया में वनकर्मियों की गश्त भी ज्यादा है। बाघ की मॉनिटरिंग भी बढ़ गई है।

नेचर गाइड अर्जुन मीना ने बताया कि राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी एक ही स्थान पर साथ-साथ देखे गए। भीषण गर्मी में मोर और बाघिन भी पानी पीने आए। बाघिन के पानी पीने के दौरान मोर इंतजार करते रहे। ऐसा नजारा काफी समय बाद देखने को मिला है। प्यास बुझाना इतना जरूरी है कि मोर भी बाघिन के पास खड़े नजर आए। उसके जाने के बाद उन्होंने पानी पिया।

यह बाघिन एसटी 2302 है। जो करणी सागर के पास पानी पीने आती है। यहां कभी यह बैठी नजर आती है तो कभी पानी पीती नजर आती है। यह बाला किला जाने वाली सड़क है। इसके बगल वाली सड़क के ऊपर से पर्यटकों को बाघिन देखने को मिलती है। अब वन विभाग के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। दरअसल, बगल से बाला किला जाने वाली सड़क है।

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