खनिज विभाग की रॉयल्टी चेक पोस्ट पर पत्थर व बजरी से भरे ओवरलोड ट्रकों को लाल पर्ची देकर पास किया जा रहा है। इससे अवैध वसूली का खेल चल रहा है और सरकार को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। इस पर्ची को अघोषित पास मानकर ट्रक चालक सड़कों पर बेतहाशा दौड़ रहे हैं। खनिज विभाग के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। इससे अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। उधर, परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर ने धनेश्वर चेक पोस्ट से आने वाले पत्थर व बजरी से भरे 288 ट्रकों के ऑनलाइन चालान बनाए हैं।
यह सूची खनिज विभाग को आगामी कार्रवाई के लिए भेजी गई है। बूंदी जिले की धनेश्वर रॉयल्टी चेक पोस्ट से पर्ची देकर ओवरलोड ट्रकों को आसानी से आने-जाने दिया जा रहा है। खनन विभाग ने रॉयल्टी वसूली का ठेका एक निजी फर्म को दे रखा है, जिसे वहां से गुजरने वाले ओवरलोड व बिना रॉयल्टी वाले वाहनों की जांच करनी है, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो रहा है। ठेकेदार फर्म लाल पर्ची जारी कर अवैध रूप से ओवरलोड डंपर व ट्रकों को पास कर रहे हैं। नियमानुसार यदि कोई ओवरलोड ट्रक पकड़ा जाता है तो खनन विभाग को न्यूनतम 1.25 लाख रुपए जुर्माना वसूलना है, लेकिन ठेकेदार इन नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा है। ट्रकों की नहीं, लाल पर्ची की जांच पत्रिका टीम ने 10 दिन तक इस पूरे मामले की जमीनी हकीकत जानी। खनन विभाग ने धनेश्वर टोल नाके से आगे रॉयल्टी का ठेका दे रखा है।
वहां से आने वाले ट्रकों की जांच की जिम्मेदारी भी ठेकेदार को दी गई है, लेकिन पत्रिका टीम ने देखा कि यहां बिना रोक-टोक के ओवरलोड ट्रकों को पास किया जा रहा है। इस दौरान सामने आया कि धनेश्वर टोल नाके पर पत्थर व बजरी चालकों से सिर्फ लाल पर्ची चेक कर उन्हें वहीं से भेज दिया जाता है। उन्हें आगे कहीं नहीं रोका जाता। इस तरह हो रहा लाखों का नुकसान डाबी क्षेत्र के धनेश्वर में चेकपोस्ट है। यहां से ओवरलोड ट्रक बेरोकटोक निकल रहे हैं। ट्रकों में गिट्टी ढोने के लिए भी ठेकेदार 1800 से 2200 रुपए प्रति डंपर वसूल रहा है, जबकि सरकारी सॉफ्टवेयर के अनुसार हर वाहन की निगरानी होनी चाहिए और ओवरलोडिंग पर चालान बनना चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। सरकार को रोजाना लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
खनिज विभाग को भेजी सूची
ओवरलोड वाहनों की सूची ईमेल से खनन विभाग को भेज दी गई है। जिसमें करीब 288 वाहनों के ओवरलोडिंग के चालान बनाए गए हैं। उनसे अनुरोध किया गया है कि जब तक चालान कंपाउंड नहीं हो जाते, तब तक उनमें खनन कार्य न होने दिया जाए। इसके अलावा अगर कोई ओवरलोड वाहन चल रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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