Next Story
Newszop

जयपुर से दिल्ली अब और करीब! शुरू हुआ बांदीकुई हाईटेक एक्सप्रेसवे, सफर 30 मिनट कम और सुगम

Send Push

दिल्ली से जयपुर जाने या आने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (एनई-4) से जुड़ने वाला जिले का पहला हाईटेक जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे (एनई-4सी) सोमवार सुबह 8 बजे से ट्रायल के तौर पर शुरू हो गया है। इससे जयपुर से दिल्ली का सफर 30 मिनट कम होकर 3 से 3.5 घंटे में पूरा हो जाएगा। पहले 10 दिन ट्रायल चलेगा, जिसमें एक्सप्रेसवे की तकनीकी खामियों की जांच की जाएगी। सफल होने पर टोल शुल्क तय कर इसे औपचारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा। जयपुर-दौसा जिले के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। इस हाईटेक एक्सप्रेसवे से न सिर्फ करीब 30 मिनट का समय बचेगा, बल्कि आधुनिक तकनीक से सफर और सुरक्षित और सुविधाजनक भी होगा।

40 फीसदी ट्रैफिक डायवर्ट होगा, सफर होगा सुगम

एक्सप्रेसवे खुलने से जयपुर-दौसा के बीच सफर करने वाले करीब 40 फीसदी वाहन इसी रूट पर डायवर्ट हो जाएंगे। इससे न केवल सड़क पर भीड़ कम होगी, बल्कि यातायात भी सुगम होगा। एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया, ट्रैक्टर, ऑटो और जुगाड़ वाहन नहीं चल सकेंगे।

चरणबद्ध तरीके से खुलेगा एक्सप्रेस-वे, 6 स्थानों पर लगेगा टोल

पहले चरण में क्लोवरलीफ से बगराना तक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का हिस्सा खोला जाएगा। दूसरे चरण में चार अन्य इंटरचेंज शामिल होंगे। रविवार को बैरिकेड हटाने और सफाई का काम जोरों पर चला। एक सप्ताह के ट्रायल के बाद सभी छह स्थानों पर टोल शुरू कर दिया जाएगा।

वाहनों की गति सीमा और सुरक्षा व्यवस्था

कारों की अधिकतम गति 120 किमी/घंटा और बसों व ट्रकों की 80 किमी/घंटा तय की गई है। सड़क पर किसी भी वाहन को रुकने की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई वाहन रुकता है, तो 146 सीसीटीवी कैमरों और सेंसर की मदद से कंट्रोल रूम को तुरंत अलर्ट मिल जाएगा और सायरन बजने लगेगा।

पूरे मार्ग पर हाईटेक निगरानी

दौसा-मनोहरपुर इंटरचेंज कंट्रोल रूम के प्रभारी बिजेंद्र मलिक के अनुसार एक्सप्रेस-वे पर निगरानी के लिए हर किलोमीटर पर दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो चारों दिशाओं में घूम सकते हैं। किसी दुर्घटना या आपात स्थिति में कैमरे और सेंसर तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना देंगे।

ऑटोमैटिक टोल सिस्टम और फास्टैग अनिवार्य

एक्सप्रेस-वे पर टोल बूथ पूरी तरह से ऑटोमेटिक होंगे। जैसे ही वाहन आगरा रोड बगराना क्लोवरलीफ पर चढ़ेगा, उसकी एंट्री सिस्टम में दर्ज हो जाएगी और जहां वाहन उतरेगा, वहीं से फास्टैग के जरिए टोल शुल्क कट जाएगा। बिना फास्टैग के वाहन चालकों से दोगुना शुल्क वसूला जाएगा।

Loving Newspoint? Download the app now