राजस्थान पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने पहचान (आईडी) दस्तावेजों के दुरुपयोग से होने वाली साइबर धोखाधड़ी के संबंध में आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। एसपी साइबर क्राइम शांतनु कुमार सिंह के अनुसार, साइबर अपराधी अब एक नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सिम कार्ड के ज़रिए धोखाधड़ी
साइबर अपराधी आपके द्वारा सिम विक्रेताओं को दिए गए दस्तावेज़ों को मोबाइल सिम विक्रेताओं (PoS) की मिलीभगत से या अन्य तरीकों से नया सिम प्राप्त करने के लिए प्राप्त कर लेते हैं। कई मोबाइल सिम कार्ड आपके इन KYC/दस्तावेजों की प्रतियों का दुरुपयोग करके जारी किए जाते हैं।
इतना ही नहीं, कई बार इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करके नए मोबाइल फोन भी खरीदे जाते हैं, जिन्हें बाद में साइबर अपराधियों को बेच दिया जाता है। कुछ मामलों में, साइबर अपराधी बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से इन दस्तावेजों से फर्जी बैंक खाते (Mule Bank Account) भी खोल लेते हैं। इन फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल फिर विभिन्न साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
बायोमेट्रिक या ऑनलाइन KYC को प्राथमिकता दें: जब भी आप नया सिम कार्ड लेने जाएँ, तो केवल बायोमेट्रिक (अंगूठे/उंगलियों के निशान) या ऑनलाइन KYC का ही विकल्प चुनें। इससे आपके दस्तावेज़ों के दुरुपयोग की संभावना कम हो जाएगी।
अपने नाम पर जारी सिम कार्ड की जाँच करें: आप दूरसंचार विभाग (DoT) के संचार साथी एप्लिकेशन (https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/telecomUser) के TAFCOP मॉड्यूल का उपयोग करके अपने नाम/आईडी पर जारी सभी मोबाइल सिम कार्ड नंबरों का विवरण प्राप्त कर सकते हैं। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि क्या आपके नाम पर कोई ऐसा नंबर जारी किया गया है जिसके बारे में आपको जानकारी नहीं है।
अज्ञात नंबरों की रिपोर्ट करें: यदि आपकी जानकारी के बिना आपके नाम पर कोई मोबाइल नंबर जारी किया गया है, तो दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित संचार साथी एप्लिकेशन (https://play.google.com/store/apps/details?id=com.dot.app.sancharsaathi) का उपयोग करके तुरंत शिकायत दर्ज करें।
साइबर हेल्पलाइन पर रिपोर्ट करें: यदि आप किसी भी ऐसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं या ऐसी किसी घटना का सामना करते हैं, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in, या अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन/साइबर पुलिस स्टेशन पर रिपोर्ट करें।
एसपी सिंह ने कहा कि यह एडवाइजरी राजस्थान पुलिस द्वारा साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और आम जनता को ऐसे धोखेबाजों से सुरक्षित रखने के प्रयासों का हिस्सा है। अपनी पहचान और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन दिशानिर्देशों का पालन करना बेहद ज़रूरी है।
You may also like
पंजाब: हम इस बिल का समर्थन करते हैं, धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी विधेयक पर बोले भाजपा विधायक अश्विनी शर्मा
भाजपा के इशारे पर काम कर रहा चुनाव आयोग : कृष्णा अल्लावरु
दुनिया के 1.4 करोड़ से ज्यादा बच्चे 2024 में वैक्सीन की सिंगल डोज से भी रहे महरूम: संयुक्त राष्ट्र
आयुर्वेद में भांग: स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद पौधा
Bisalpur Dam से एक और खुशखबरी! त्रिवेणी में जबरदस्त बहाव के चलते बांध में हर पल बढ़ रहा पानी, देखे ताजा आंकड़े