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बीसलपुर में डूबा मां-बाप का इकलौता सहारा! 3 महीने पहले हुई थी शादी, दोस्तों संग पिकनिक मनाने गया था युवक

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राजस्थान की राजधानी जयपुर के साथ ही अजमेर और टोंक जिलों की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध स्थल के पास स्थित पवित्र तालाब में पिछले दस दिनों के भीतर रविवार को एक और हादसा हो गया। यहां रविवार को जयपुर जिले से तीन दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आए एक युवक की डूबने से मौत हो गई। स्थानीय नाविकों के निजी जुगाड़ संसाधनों की मदद से एक घंटे की मशक्कत के बाद युवक को तालाब के पानी से बाहर निकालकर देवली अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। देवली पुलिस उपाधीक्षक रामसिंह ने बताया कि मृतक की पहचान राहुल पुत्र ओमप्रकाश रैगर उम्र 25 साल निवासी कालाडेरा थाना गोविंदगढ़ जिला जयपुर के रूप में हुई है। जहां बांध के नीचे बने पवित्र तालाब के पानी में नहाते समय वह गहरे पानी में चला जाने से डूब गया। साथ ही परिजनों को घटना की सूचना देकर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। 

तीन बाहर आ गए, एक अंदर चला गया
बीसलपुर बांध के पवित्र तालाब के किनारे नहा रहे अन्य प्रत्यक्षदर्शी पर्यटकों ने बताया कि चारों ने आते ही तालाब के पानी में नहाने का आनंद लेना शुरू कर दिया। इस दौरान चारों एक-एक करके डूबने लगे, फिर किनारे के करीब होने के कारण उनमें से तीन किसी तरह बाहर आ गए।राहुल को बचाने के लिए उसका एक दोस्त करीब जाने का प्रयास करने लगा। इस दौरान राहुल ने उसे पकड़ने का प्रयास किया। ऐसे में युवक उसे छोड़कर किनारे की ओर आ गया और मदद के लिए चिल्लाने लगा। कुछ ही देर में राहुल गहरे पानी में डूब गया।

घर का चिराग बुझ गया
देवली थाने के एएसआई दिलीप सिंह ने बताया कि मृतका अपने पिता की इकलौती संतान थी। पिता ठेकेदारी का काम करते थे। मृतका कालाडेरा में दुकान चलाती थी। मृतका की करीब तीन माह पहले शादी हुई थी। जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। जिनका रो-रोकर बुरा हाल था।

हर साल होने वाली मौतों पर प्रशासन सतर्क नहीं है। बीसलपुर बांध के जलभराव से निकटवर्ती पवित्र तालाब में हर साल कई लोगों की असमय मौत हो रही है, जिनमें से अधिकतर मौतें पवित्र तालाब के गहरे पानी में होती हैं। लेकिन सुरक्षा व राहत कार्य के नाम पर सिर्फ पुलिस प्रशासन ही मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू करता है, जिनके पास भी संसाधनों की कमी नजर आती है। वे स्थानीय नाविकों पर निर्भर रहते हैं। लेकिन बांध बनने के बाद से अब तक हुई घटनाओं के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इस साल पिछले दस दिनों में पवित्र तालाब में यह दूसरी घटना है। जबकि अभी बरसात के तीन महीने बाकी हैं।

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