चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, खरीफ फसलों की कटाई के बाद रबी फसल की बुवाई के लिए खेत तैयार हैं। लक्ष्य के मुकाबले अब तक करीब 48 फीसदी बुवाई हो चुकी है। इसके बावजूद बढ़ता तापमान गेहूं की बुवाई का गणित बिगाड़ रहा है। जिले में चना और सरसों के मुकाबले गेहूं की बुवाई अब तक बहुत कम हुई है। किसान तापमान में गिरावट की बाट जोह रहे हैं।
पिछले कई दिन से तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण रबी फसलों की बुवाई प्रभावित हुई है। जिले में किसान सामान्य से ज्यादा तापमान के कारण सरसों व चना की बुवाई तो कर रहे हैं पर गेहूं की बुवाई का आंकड़ा अब तक बहुत कम है। नवंबर का एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद भी किसान बीज जलने की आशंका से बुवाई करने से डर रहे हैं। किसानों को अब तापमान में गिरावट का इंतजार है। किसानों के अनुसार रबी की बुवाई के लिए दिन का तापमान 23 से 30 डिग्री आस-पास अनुकूल रहता है। रबी फसलों में गेहूं की बुवाई जल्दी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार तापमान की तल्खी के चलते इसमें देरी हो रही है। कृषि विशेषज्ञों की ओर से भी तापमान कम होने तक खेत तैयार करने की सलाह दी जा रही है। जिले अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक अधिकांश जगह अगेती सरसों की बुवाई कर दी गई है।
बुवाई के लिए चाहिए नमी
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक रबी फसल की बुवाई जमीन में नमी और तापमान पर निर्भर करती है। बढ़े हुए तापमान में बुवाई करने से फसल जलने और उत्पादन प्रभावित होने की आशंका रहती है। नमी कम होने पर बुवाई करने से किसानों की बीज लागत बढ़ जाती है। ज्यादा तापमान में जहां बीज के अंकुरण में दिक्कत आती है। वहीं इसके खराब होने की आशंका भी बनी रहती है। जिले में अब तक सर्वाधिक बुवाई चना व सरसों की हुई है।
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