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'अब मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहिए....' हनुमान बेनिवाल के बयानों से गर्मी राजस्थान की सियासत बोले, वसुंधरा राजे कि लिए कह दी ये बड़ी बात

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भरतपुर में रविवार (29 जून) को आयोजित जाट समाज की हुंकार सभा में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वे कभी मंत्री नहीं बनना चाहते थे। उन्होंने कहा, "जो लोग मेरा झोला ढोते थे, वे दो बार मंत्री बन गए। लेकिन मुझे उस कुर्सी की तलाश है, जिस पर बैठकर लाखों लोगों का भला हो और वह कुर्सी मुख्यमंत्री की हो।" 

"मैं उपमुख्यमंत्री नहीं बनूंगा"
हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री बनने को लेकर कहा, "अगर मेरा भाई मुख्यमंत्री बनता है तो मैं बारात में जाने को तैयार हूं। मैं दूल्हा बनने को तैयार हूं, लेकिन दुल्हन यानी उपमुख्यमंत्री नहीं बनूंगा। उन्होंने कहा कि राजनीति में अपने विरोधियों को घर में बिठाया जाता है। मैंने वसुंधरा जी को घर में बिठाया। 2003 में वसुंधरा राजे ने उन्हें नागौर से टिकट देने की बात कही थी। लेकिन, उन्होंने अपने पिता की परंपरागत सीट मुंडवा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए। मैं हार गया, लेकिन घर नहीं बैठा। मैंने लड़ते हुए उन्हें घर में बिठाए रखा।"

"कांग्रेस सिर्फ बयानों से काम चला रही है"
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान कि भजनलाल शर्मा सरकार को गिराने की साजिश है, पर बेनीवाल ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ बयानों से काम चला रही है। अगर कोई साजिश रची जा रही है तो गहलोत जी को पता होना चाहिए, क्योंकि पिछली बार जब सरकार गिरी थी तो वसुंधरा जी ने खुद आठ विधायक दिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ बड़े नेता आज भी रात के अंधेरे में कांग्रेस से मिलते हैं, इसलिए एसआई भर्ती जैसे मुद्दों को टाला जा रहा है।

"एक लाख युवा दिल्ली कूच करेंगे"
उन्होंने कहा कि आरएलपी एसआई भर्ती रद्द करने, आरपीएससी का पुनर्गठन करने और भरतपुर-धौलपुर-डीग के जाट समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो एक लाख युवा दिल्ली कूच करेंगे और प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि भले ही वे दिल्ली में इंडिया अलायंस का हिस्सा हैं, लेकिन राजस्थान में पार्टी की स्वतंत्र पहचान है। दिल्ली का रास्ता भरतपुर से होकर जाता है। अगर हम महाराजा सूरजमल और तेजाजी महाराज के नारों के साथ एकजुट हो जाएं तो दिल्ली तक राज करेंगे।

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