राजस्थान में कई परंपराएं और रीति-रिवाज हैं, जिनके लिए राजस्थान जाना जाता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि राजस्थान में कई ऐसी परंपराएं हैं, जिनका जिक्र इतिहास में भी मिलता है। प्राचीन काल से चली आ रही परंपराओं का पालन आज भी इन समाजों द्वारा किया जा रहा है। पूर्वजों द्वारा शुरू की गई परंपराओं में आज भी लोगों की आस्था है।
पाली में 733 सालों से नहीं मनाया जा रहा रक्षाबंधन
हिंदू धर्म में राखी सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि एक भावना है, जिसे सभी सनातनियों द्वारा मनाया जाता है। आपको बता दें कि रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को दर्शाता है, जिसमें सभी बहनें रक्षाबंधन पर अपने भाई को राखी बांधती हैं। और सभी भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं।आपको बता दें कि राजस्थान में एक ऐसा समाज भी है, जहां रक्षाबंधन का यह पवित्र त्योहार नहीं मनाया जाता है। राजस्थान के पाली ब्राह्मण परिवार में 733 सालों से रक्षाबंधन नहीं मनाया जा रहा है। इसका पालन न करने के पीछे इस समाज की मान्यता है।
जानिए पाली में क्यों नहीं मनाया जाता रक्षाबंधन
इससे पहले जब जलालुद्दीन खिलजी दिल्ली का शासक था, तो उसने अपनी सेना के साथ पाली पर लूटपाट करने के लिए आक्रमण किया था। आपको बता दें कि यह रक्षाबंधन का दिन था, जिस दिन युद्ध में हजारों पालीवाल ब्राह्मण शहीद हुए थे। इस युद्ध में जो बच गए, वे पाली छोड़कर पाली में अलग-अलग जगहों पर रहने लगे। तब से पाली के ब्राह्मण रक्षाबंधन के दिन पाली आते हैं और पूरे समाज के साथ तर्पण करते हैं। इसी कारण पाली के ब्राह्मणों द्वारा रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया जाता है।
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