उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर आर्ची पैराडाइज सोसायटी में कनेक्शन के लिए 32 लाख रु. लगेंगे। इसमें से 9 लाख रु. एडवांस जमा किए। 23 लाख रुपए किस्तों में लिए जाएंगे।शहर में बहुमंजिला आवासीय इमारतों में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबर है। अब पीएचईडी की ओर से इन इमारतों में भी पानी का कनेक्शन देना शुरू किया गया है। शहर में शोभागपुरा स्थित एक रेजीडेंशियल सोसायटी में पहली बार यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है।सोसायटी के फ्लैटों में रहने वाले बाशिंदों को अब कैंपर जैसी सुविधाओं पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। शहर में बनी बहुमंजिला इमारतों के 25 हजार से ज्यादा फ्लैटों में करीब 1.50 लाख आबादी निवास करती है। ऐसे में अब उन्हें भी पानी मिलने की आस बंधी है। प्रदेश में बहुमंजिला इमारतों में नल कनेक्शन की सुविधा केवल जयपुर में ही थी। इसी साल 25 अप्रैल से प्रदेश के सभी जिलों में यह सुविधा दिए जाने का फैसला हुआ था।विभाग का का कहना है कि पानी की उपलब्धता होने पर ही बहुमंजिला इमारत को कनेक्शन देना संभव हो पाएगा। कनेक्शन के लिए विभाग ने कुछ शर्तें भी रखी हैं। इसके तहत बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग और वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अनिवार्य होगा। शोभागपुरा स्थित आर्ची पैराडाइज रेजीडेंशियल वेलफेयर सोसायटी के सचिव राजीव बैराठी ने बताया कि उनकी ओर से चार साल से कनेक्शन के लिए प्रयास किए जा रहे थे। कलेक्टर की मदद से प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भिजवाया था।
अगर एक हजार वर्गफीट का फ्लैट तो 25 हजार शुल्क
प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार बहुमंजिला इमारतों में कनेक्शन के लिए बिल्डिंग में मौजूद सभी फ्लैटों के कुल कारपेट एरिया के हिसाब से राशि वसूली जाएगी। इसके लिए 25 रु. प्रति वर्गफीट की दर तय है। कनेक्शन से पहले न्यूनतम 25% राशि जमा करानी होगी, जबकि 75% राशि 60 किस्तों में 9% साधारण ब्याज दर के साथ आने वाले बिलों में वसूली जाएगी।उदाहरण के तौर पर किसी एक फ्लैट का कारपेट एरिया 1000 वर्ग फीट है तो उसका 25 हजार रु. चार्ज होगा। इसकी 25% राशि यानी 6250 रु. कनेक्शन के समय देनी होगी, जबकि बची 75% राशि 18750 रु. को 60 किस्तों में यानी प्रतिमाह 312 रु. के हिसाब से ली जाएगी। ब्याज राशि अलग रहेगी।
पांच अन्य बिल्डिंगों की फाइलें भी कतार में, लेकिन कार्य योजना नहीं
शहर में बहुमंजिला इमारतों में कनेक्शन की मांग के बावजूद पाइप लाइनें बिछाने के लिए कार्य योजना नहीं है। पीएचईडी ने 2022 में यूडीए को प्रस्ताव भेजकर पहली बहुमंजिला इमारत तक लाइन बिछवाने की जिम्मेदारी दी थी। सुखेर, फतहपुरा, सुखाड़िया सर्किल, हिरण मगरी इलाकों की करीब 5 फाइलें कनेक्शन के लिए प्रक्रियाधीन है। इनके अलावा पानी की अनुपलब्धता बताते हुए कुछ फाइलों को खारिज भी किया जा चुका है।
विभाग बिल्डिंग के टैंक तक पहुंचाएगा पानी
विभाग हर एक फ्लैट को कनेक्शन देने के बजाय बहुमंजिला इमारत के नीचे बनाए गए टैंक तक जलापूर्ति करेगा। उपभोक्ताओं के भार के हिसाब से पाइप का साइज तय होगा। सोसायटी को निजी स्तर पर टैंक से पानी को सभी तक या छत पर रखी टंकियों तक पहुंचाना होगा। अधिशासी अभियंता अखिलेश शर्मा ने बताया कि अमृत जल योजना के तहत शहर के लिए 215 करोड़ रु. स्वीकृत हुए हैं। इससे जलापूर्ति सिस्टम सुधारा जाएगा। तब अन्य इमारतों को कनेक्शन देना आसान होगा। मीरानगर स्थित जलापूर्ति टैंक पास होने और पानी की उपलब्धता पर्याप्त होने के बाद शोभागपुरा की बिल्डिंग में कनेक्शन देना तय किया गया।